Alert: इस वजह से बच्चे और युवा बन रहे हैं बहरेपन का शिकार, समय रहते आप भी हो जाएं सावधान


Hearing Loss: यूं तो बहरापन (deafness)उम्र के साथ आता है लेकिन पिछले कुछ दशकों में कम सुनाई देने यानी बहरेपन की समस्या तेजी से युवाओं और बच्चों को अपना शिकार बना रही है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस पर चिंता जाहिर की है.आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में बुजुर्गों के साथ साथ बच्चों और युवाओं में भी बहरेपन का रिस्क बढ़ता जा रहा है.आंकड़ों की बात करें तो पिछले दशकों में दुनिया में 3.4 करोड़ से अधिक बच्चों में कम सुनाई देने की क्षमता के केस सामने आए हैं. खास बात ये है कि लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसे रोका जा सकता था. 

 

हेडफोन के चलते बढ़ रही है बहरेपन की समस्या

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि सामान्य तौर पर 60 साल के बाद लोगों में सुनने की क्षमता कम होने लगती है. लेकिन जिस तरह का लाइफस्टाइल आज के युवा अपना रहे हैं, उससे कम उम्र में ही ये क्षमता कमजोर हो रही है.इसकी सबसे बड़ी वजह ईयरफोन और हैडफोन को बताया जा रहा है.जी हां, नए जमाने में हैडफोन और ईयरफोन भले ही काफी उपयोगी हों लेकिन इनका ज्यादा इस्तेमाल करने से युवा वर्ग बहरेपन के रिस्क में आ रहा है. माना जा रहा है कि जितने ज्यादा डेसिमल में हेडफोन यूज किया जाएगा, उतना ही ज्यादा कानों को नुकसान होगा. जिस तरह से आजकल के युवा हैडफोन और ईयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे उनके कान तेज आवाज के संपर्क में लगातार रहते हैं और इससे कान की नाजुक मांसपेशियों को नुकसान पहुंच रहा है.

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तेज आवाज कानों को पहुंचा रही है नुकसान 

बीएमजे पब्लिक हेल्थ में छपे एक जर्नल में इस संबंध में कुछ रिसर्च की समीक्षा की गई. इन अध्ययनों में कुल 50 हजार लोगों को शामिल किया गया. इस अध्ययन के बाद पाया गया कि जो बच्चे और युवा लंबे समय तक हेडफोन और ईयरफोन लगाकर काम करते और गेम्स खेलते हैं, उनमें बहरेपन के रिस्क ज्यादा देखे गए हैं.

 

 क्या कहती है रिसर्च

 रिसर्च के दौरान कहा गया कि आमतौर पर 30 से 50 डेसिमल की आवाज में कुछ समय के लिए हेडफोन और ईयरफोन इस्तेमाल किए जा सकते हैं. लेकिन जब लंबे समय तक 70 डेसिमल की ध्वनि में इसे यूज किया जाए तो कान को काफी नुकसान पहुंचता है. इतना ही नहीं कुछ लोग 100 डेसिमल से ऊपर की आवाज सुनना पसंद करते हैं, ये डेसिमस आपके कानों को तुरंत नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है. इस अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग 80 डेसिमल ध्वनि के ऊपर की आवाज में घंटों तक हेडफोन औऱ ईयरफोन यूज करते हैं, उनके बहरा होने के रिस्क दूसरों की तुलना में काफी बढ़ जाते हैं.

 

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