PCOS से पीड़ित महिलाएं हो जाएं सावधान, क्योंकि उन्हें सबसे ज्यादा रहता है हाई बीपी का खतरा



<p>’पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम’ (पीसीओएस) &nbsp;से पीड़ित महिलाओं के लिए सबसे जरूरी है कि वह इसे समय रहते ही कंट्रोल में रखें. हर साल सितंबर के महीने को पीसीओएस जागरूकता महीने के रूप में बनाया जाता है. ‘एप्पल और हार्वर्ड’ ‘महिला हेल्थ रिसर्च’ के मुताबिक पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना तीन गुना बढ़ जाती है. आज आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि पीसीओएस और बीपी के बीच क्या लिंक है.&nbsp;</p>
<p><strong>पीरियड्स से जुड़ी गड़बड़ी</strong></p>
<p>इंडियन एक्सप्रेश में छपी खबर के मुताबिक ‘बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी’ के अनुसार इंसुलिन के लेवल का कारण भी पीसीओएस बनता है. जिसके कारण वजन बढ़ता है, इरेगुलर पीरियड्स, एन्ड्रोजन का लेवल भी ऊपर नीचे होता है. पॉलीसिस्टिक आपके शरीर में कई तरह प्रॉब्लम को बढ़ा सकता है. ये सभी ट्राइग्लिसराइड्स जैसे खराब लिपिड में भी वृद्धि का कारण बनते हैं. इनमें से अधिकांश कारक &nbsp;स्वतंत्र रूप से और साथ ही साथ हाई बीपी का भी कारण बनता है. कई रिसर्च में पता चला है कि पीसीओएस को भले ही हम डायबिटीज और मोटापे को जोखिम कारक नहीं मानते हैं, लेकिन पीसीओएस हाई बीपी का कारण हो सकता है. साथ ही साथ यह शरीर में एंड्रोजन के लेवल को बढाता भी है.&nbsp;</p>
<p><strong>हाई बीपी की दिक्कत 40 प्रतिशत अधिक बढ़ जाती है</strong></p>
<p>पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में हाई बीपी की दिक्कत 40 प्रतिशत अधिक बढ़ जाती है. हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में हाई बीपी होने का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग अधिक वजन या मोटापे से पीड़ित हैं. उन्हें सबसे पहले अपनी लाइफस्टाइल ठीक करनी चाहिए. साथ ही साथ उन्हें अच्छी नींद और स्ट्रेस कम करने के लिए अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए. अच्छी नींद और एक बैलेंस डाइट पीसीओएस वालों के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है. उन्हें बहुत ज्यादा फैट और नमक खाने से दूर रहना चाहिए. साथ ही साथ ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल करना चाहिए. पीसीओएस के मरीजों को कंसीव करने में काफी ज्यादा दिक्कत होती है. साथ ही डायबिटीज, हाई बीपी का शिकार हो जाते हैं.</p>
<p><strong>पीसीओएस वालों इन टिप्स को जरूर फॉलो करनी चाहिए</strong></p>
<p>एक अच्छा डाइट वही है जिसमें कार्ब्स, फैट लीमिट में हो साथ ही खाने में कम से कम सोडियम हो. इससे बीपी कंट्रोल में रहता है. साथ ही रोजाना एक्सरसाइज करें. धूम्रपान और शराब से बचें, स्ट्रेस और नींद की कमी से बचें.&nbsp;</p>
<p>एक्सरसाइझ करें, उसके साथ कार्डियो करें. जैसे- दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी, एरोबिक्स, स्किपिंग या डांस बेहद जरूरी है. सप्ताह में 2-3 बार वजन भी उठाना चाहिए.&nbsp;</p>
<p>पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं की बीपी कंट्रोल में रहे यह बहुत ज्यादा जरूरी है.&nbsp;</p>
<p>हमेशा चेक करानी चाहिए और टाइम टू टाइम डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.</p>
<p><em><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</strong></em></p>
<p><strong>ये भी पढ़ें:<a title=" इस बीमारी में सरसों तेल और रिफाइन खाना सेहत के लिए है जहर, जानें क्यों किया जाता है मना…" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/sunflower-or-mustard-and-olive-oil-which-oil-is-helpful-for-uric-acid-2491809" target="_self">&nbsp;इस बीमारी में सरसों तेल और रिफाइन खाना सेहत के लिए है जहर, जानें क्यों किया जाता है मना…</a></strong></p>



Source link

  Shoulder and arm pain can be the first symptom of a heart attack, don't ignore the pain in the body.

Leave a Comment