Stroke Warning Signs: ब्रेन अटैक को ही स्ट्रोक कहा जाता है. ब्रेन में सही तरह ब्लड सप्लाई न होने की वजह से उसकी रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं, जिससे ऑक्सीजन भी सही तरह नहीं पहुंच पाता है और ब्रेन काम करना बंद कर देता है. ऐसे समय में अगर तुरंत इलाज न मिले तो जान भी जा सकती है. हालांकि, स्ट्रोक कभी भी अचानक से नहीं आता है. आने से पहले इसके कई संकेत (Stroke Warning Signs) शरीर में नजर आने लगते हैं. एक अध्ययन में पाया गया है कि स्ट्रोक के 43 परसेंट मरीजों ने स्ट्रोक आने से करीब एक हफ्ते पहले तक इसके लक्षणों को महसूस किया था. ऐसे में आपको भी इन वॉर्निंग साइन को जान लेना चाहिए…
स्ट्रोक आने से पहले 7 वॉर्निंग साइन
1. हाथ-पैर में कमजोरी
स्ट्रोक आने से करीब एक हफ्ते पहले हाथ-पैर में कमजोरी महसूस हो सकती है. इन दोनों अंगों में सुन्नता भी महसूस हो सकता है. ऐसे लक्षण नजर आने पर लापरवाही बरतने की बजाय डॉक्टर से मिलकर इलाज पर फोकस करना चाहिए.
2. याददाश्त कमजोर होना
स्ट्रोक आने से पहले याददाश्त पर भी प्रभाव पड़ने लगता है. ऐसे में किसी चीज को रखकर याद न रहना या किसी बात पर फोकस न पाना जैसी समस्याएं नजर आती हैं. ऐसे में सावधान हो जाना चाहिए.
3. चक्कर आना
स्ट्रोक आने से 7 दिन पहले चक्कर आने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. अगर अचानक से बार-बार बिना किसी कारण चक्कर आए तो अलर्ट हो जाना चाहिए. तुरंत भागकर डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
4. धुंधला दिखना
जब भी स्ट्रोक आता है तो उससे करीब एक हफ्ते पहले ही मरीज को अचानक से कम या धुंधला दिखाई पड़ने लगता है. इसलिए ऐसे लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इस पर ध्यान देना चाहिए.
5. कंफ्यूजन होना
स्ट्रोक आने से हफ्तेभर पहले कंफ्यूजन हो जाने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. ऐसे में किसी चीज को समझने में परेशानी होती है. बोलने में दिक्कत महसूस होती है. ऐसी बातों पर गौर करें और तुरंत इलाज कराएं.
6. साफ-साफ न बोल पाना
स्ट्रोक आने से करीब 7 दिन पहले साफ-साफ न बोल पाने की समस्याएं हो सकती हैं. ऐसी स्थिति में स्पष्ट बोल पाने में काफी परेशानी होती है. ऐसे लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से जाकर मिलना चाहिए.
7. शरीर का संतुलन खोना
स्ट्रोक आने से करीब एक हफ्ते पहले शरीर का संतुलन बिगड़ सकता है. उसका बैलेंस बनाए रखने में दिक्कतें आ सकती हैं. चलने-फिरने में भी परेशानी होती है. ऐसे में मरीज और परिवार के सदस्यों को सावधान हो जाना चाहिए और डॉक्टर से मिलकर इलाज करवाना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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