पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन रोग (PCOD) जैसी महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बहुत सी गलतफहमियाँ हैं। यह दोनों ही स्थितियाँ अलग-अलग होती हैं और उनके कारण भी विभिन्न होते हैं।
पीसीओड और पीसीओएस में अंतर को जानने के लिए हमने एक स्थानीय गयनेकोलॉजिस्ट से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पीसीओड (PCOD) एक रोग है जिसमें महिलाओं के ओवेरियन (अंडाशय) में महसूस की जाने वाली एक सिरीज छोटी-छोटी गांठों की उत्पत्ति होती है। इसके साथ हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है जिससे मासिक धर्म की अनियमितता, वजन बढ़ना, और यौन द्वारा पाये जाने वाले लक्षण जैसे कि अत्यधिक बालों का उत्पत्ति हो सकता है।
दूसरी ओर, पीसीओएस (PCOS) एक सिंड्रोम है जिसमें महिलाओं के ओवेरियन में एक खास प्रकार की गर्त उत्पन्न होती है जिसमें छोटे छोटे गांठें नहीं होतीं हैं, लेकिन हार्मोनल असंतुलन हो सकता है जो मासिक धर्म की अनियमितता, अत्यधिक बालों का उत्पत्ति और वजन बढ़ने जैसे लक्षणों को प्रेरित करता है।
डॉक्टर ने बताया कि पीसीओड (PCOD) की तुलना में, पीसीओएस (PCOS) में ओवेरियन में अत्यधिक टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे हार्मोनल असंतुलन और अत्यधिक बालों की समस्या हो सकती है। इससे साथ ही, पीसीओएस (PCOS) के रोगी गर्भावस्था में परेशानियों का सामना कर सकती हैं, जबकि पीसीओड (PCOD) के रोगी में यह समस्या नहीं होती।
इससे स्पष्ट है कि पीसीओड और पीसीओएस में कुछ अंतर हैं, लेकिन इन दोनों स्थितियों को समझने के लिए सटीक डायग्नोसिस और उपचार के लिए विशेषज्ञ के साथ सलाह की जानी चाहिए।
ध्यान रहे कि इन उपायों का पालन करने से आपकी स्थिति में सुधार हो सकती है, लेकिन सही इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह अत्यंत महत्वपूर्ण है। पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन रोग (PCOD) से बचाव करने के लिए निम्नलिखित कुछ उपाय हो सकते हैं:
स्वस्थ आहार: स्वस्थ और प्राकृतिक आहार का सेवन करें, जैसे कि अनाज, फल, सब्जियां, दालें, अखरोट, और सूखे मेवे। साथ ही, अत्यधिक प्रोसेस्ड और मिठाई का सेवन कम करें।
नियमित व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें, जैसे कि योग, वॉकिंग, और अन्य शारीरिक गतिविधियां। व्यायाम से हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है।
वजन नियंत्रण: वजन को नियंत्रित करने के लिए सही खानपान और व्यायाम करें। अत्यधिक वजन का होना PCOS और PCOD के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
नियमित जांच: नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह पर जांच कराएं, ताकि चिकित्सा दवाओं और उपायों का सही समय पर प्रारंभ किया जा सके।
स्ट्रेस कम करें: स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, योग, और प्राणायाम का प्रयास करें। स्ट्रेस के कारण हार्मोन्स में असंतुलन हो सकता है।
नियमित मासिक धर्म: नियमित मासिक धर्म को बनाए रखने के लिए उचित दिनचर्या और आहार का पालन करें।
डॉक्टर की सलाह: किसी भी चिकित्सा समस्या के लिए, सबसे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह का पालन करें।
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