जाने पैंक्रियाज का ऑपरेशन कैसे होता है। | How is pancreas surgery done? – GoMedii


आजकल के समय लोग अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं जिनका इलाज भी संभव होता हैं परन्तु कई बीमारियां ऐसी होती है जिनका इलाज संभव नहीं होता हैं। उनमे से एक बीमारी पैंक्रियाज(Pancreas) यानी अग्नाशय में होने वाली बीमारी होती हैं पैंक्रियाज हमारे शरीर का एक अहम अंग होता है। पैंक्रियाज हमारे आहार को पचाने के लिए आवश्यक एंजाइम्स का उत्पादन करता है। इसके साथ ही पैंक्रियाज शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन का भी निर्माण करता है।आमतौर पर लोग इस बीमारी को समझने में ही काफी समय लगा देते हैं जिससे वो बढ़ती जाती है और बाद में या कभी-कभी इसका इलाज मिल पाना संभव नहीं हो पाता हैं।

 

यदि इसका समय पर इलाज नहीं होता हैं तो यह कैंसर का रूप ले लेती हैं। पैंक्रियाज में अगर सही से केयर नहीं होती है तो ये पैंक्रियाटाइटिस का रूप ले सकती है। एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस में पैंक्रियाज में अचानक पेट में सूजन आ जाती है और कई बार ये जानलेवा भी बन जाती है।

 

 

 

 

 

शुरुआत में पैंक्रियाज के लक्षण नज़र नहीं आते हैं परन्तु यह बीमारी जब अधिक विकसित होने लगती हैं तब यह अधिक दर्दनाक और घातक बन जाती हैं पैंक्रियाज की समस्या में कुछ इस प्रकार के लक्षण भी सामने आते हैं –

 

 

  • वजन का तेजी से कम हो जाना

 

  • मल के रंग में बदलाव होना

 

  • पेट में सूजन

 

 

 

  • शुगर लेवल का बढ़ना

 

 

 

 

 

 

पैंक्रियाज की समस्या होने के कारण क्या होते हैं ?

 

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पैंक्रियाज की समस्या होने के कारण अन्य होते हैं जैसे की –

 

  • लीवर में ज़ख़्म का बनना

 

  • शरीर में एनिमिया या खून की कमी होना

 

  • शराब का सेवन करना

 

 

  • पेट में इंफेक्शन होना

 

 

  • धूम्रपान तंबाकू का सेवन करना

 

  • अधिक वसा युक्त चीज़ों का सेवन

 

  • अग्न्याशय में एलर्जी या इन्फ्लामेशन होना

 

  • पेट, लीवर और अग्न्याशय से सम्बंधित वंशानुगत बीमारी होना

 

 

 

पैंक्रियाज ऑपरेशन से पहले जाँच किस प्रकार होती हैं ?

 

 

पैंक्रियाज ऑपरेशन से पहले की जाँच के लिए डॉक्टर्स निम्नलिखित टेस्ट का सहारा ले सकते हैं।

 

  • बायोप्सी: इस टेस्ट के द्वारा डॉक्टर्स अग्न्याशय में कैंसर या कैंसर उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं का निरीक्षण करते हैं।

 

  • CT स्कैन: CT स्कैन के द्वारा अग्न्याशय कैंसर का पता लगाया जाता है। सीटी/CT स्कैन का एक लाभ यह भी है कि ये अग्न्याशय कैंसर के साथ साथ यदि आस पास किसी और अंग को कोई इन्फेक्शन या कैंसर हुआ हो तो यह भी जाँच में बता देता है।

 

  • ब्लड टेस्ट या खून के टेस्ट से : ब्लड टेस्ट के द्वारा अग्न्याशय, लीवर या अन्य अंगों से संबंधित बीमारियों की जाँच की जा सकती है। डॉक्टर खून में बाइलुरूबिन नामक तत्व की जाँच करते हैं। बाइलुरूबिन एक प्रकार का हारमोन है जो लीवर के द्वारा उत्पादित किया जाता है। डॉक्टर्स इस हारमोन के द्वारा लीवर और लीवर की स्थिति का पता लगाते हैं। इसके साथ ही इस टेस्ट के द्वारा अग्न्याशय के एन्जाइम और हॉर्मोन्स की स्थिति का भी पता लगाया जा सकता है। यदि अग्न्याशय किसी भी प्रकार का कोई एंजाइम या हारमोन अधिक मात्रा में उत्पादित करने लगता है तो ऐसे में यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है।
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  • अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड के द्वारा यह देखा जाता है कि अग्न्याशय का आकार किस हद तक बढ़ रहा है। जब अग्न्याशय में कैंसर सेल्स या कैंसर कोशिकाओं की मात्रा बढ़ने लगती है तो ऐसे में अग्न्याशय का आकार भी बढ़ जाता है।

 

  • MRI के द्वारा: इस टेस्ट के द्वारा डॉक्टर अग्न्याशय की नलियों और बाइल जूस की सही इमेज़ या प्रस्तुति पा सकते हैं।

 

 

 

पैंक्रियाज के इलाज क्या होते हैं ?

 

 

  • सर्जरी या ऑपरेशन के द्वारा: जब जाँच में अग्न्याशय कैंसर स्पष्ट हो जाता है तब सर्जरी या ऑपरेशन के द्वारा इस कैंसर से निजात की व्यवस्था की जाती है। सर्जरी या ऑपरेशन के द्वारा अग्न्याशय के उस हिस्से को हटाया जाता है जहाँ पर कैंसर की कोशिकाएँ जन्म ले चुकी होती हैं। इस प्रकार कैंसर कोशिकाओं को अग्न्याशय से काटकर अलग किया जाता है। इससे यह कैंसर शरीर के अन्य भाग में नहीं फैलता।

 

  • कीमोथैरेपी के द्वारा: कैंसर के निदान में कीमोथेरेपी का बहुत बड़ा स्थान है। कीमोथेरेपी एक ऐसा उपचार है जिसमें डॉक्टर्स विशेष प्रकार की दवाओं को खाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा डॉक्टर्स कीमोथेरेपी के द्वारा इन दवाओं को इंजेक्शन या अन्य तरीक़ों से शरीर में पहुँचाने की कोशिश करते हैं ताकि शरीर में पनप रही कैंसर कोशिकाओं को मारा जा सके। कीमोथेरेपी के कुछ हानिकारक पहलू भी हैं जैसे कि कीमोथेरेपी के उपचार से गुज़रने वाला मरीज़ थकान महसूस करता है, उसके बाल झड़ने लगते हैं, मुँह में खट्टापन महसूस होता है आदि।

 

 

 

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