पीरियड्स में पेनकिलर खाना कितना सुरक्षित ? जानें इस तरफ पेन रिलीफ पाना सेफ या अनसेफ


Painkiller in Periods: पीरियड्स का समय महिलाएं के लिए काफी मुश्कल भरा होता है. इस दौरान उनके पेट में दर्द, ऐंठन, पीठ दर्द, फीवर और कमजोरी जैसी परेशानियां होती हैं.कुछ महिलाओं में उल्टी और चक्कर आने जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं. कुछ लड़कियों या महिलाओं को पीरियड्स में असहनीय दर्द होता है, जिससे उन्हें डॉक्टर के पास जाना पड़ता है. वहीं, कुछ महिलाएं आराम पाने के लिए घरेलू उपाय जैसे- हॉट वॉटर बॉटल और हर्बल टी का सहारा लेती हैं लेकिन सबससे बड़ा सवाल कि क्या पीरियड्स के दर्द से आराम पाने के लिए महिलाएं पेनकिलर नहीं खा सकती हैं? जानिए जवाब…

 

पीरियड्स में दर्द क्यों होता है

पीरियड्स आने पर प्रोस्टाग्लैंडिंस नाम के हार्मोन के कारण गर्भाशय की एंडोमेट्रियम झिल्ली निकल जाती है. जिससे यूट्रस सिकुड़ जाता है. इसी वजह से सूजन और दर्द जैसी समस्याएं होने लगती है. जब प्रोस्टाग्लैंडीन लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो फाइब्रॉइड बन सकता है. जिससे पीरियड्स में होने वाली प्रॉब्लम्स बढ़ सकती हैं.

 

क्या पीरियड्स में पेनकिलर नहीं खा सकते हैं

आमतौर पर पीरियड्स आने से दो दिन पहले ही महिलाओं में बहुत ज्यादा दर्द होने लगता है. इस समय उनके पेट में क्रैम्प्स और बुखार ज्यादा महसूस होता है. कई महिलाएं इन समस्याओं से बचने के लिए पेनकिलर खा लेती हैं लेकिन ऐसा करने से पहले जान लेना चाहिए कि इसका आपकी सेहत पर क्या असर हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पीरियड्स में बार-बार या कुछ ही समय के अंतराल पर पेनकिलर लेना आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है. 

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पीरियड्स में अगर कोई दवा खाना चाहें तो

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पीरियड्स क्रैम्प्स से आराम पाने के लिए पेनकिलर ले सकते हैं लेकिन हल्के-फुल्के दर्द से आराम पाने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAID) का ही इस्तेमाल कर सकती हैं. ये दवाईयां प्रोस्टाग्लैंडीन लेवल को बढ़ने से रोकने का काम करती हैं, जिससे गर्भाशय में संकुचन कम होता है और दर्द कम होता है. डॉक्टर 12 घंटे में एक ही पेनकिलर लेने की सलाह देते हैं. हालांकि, इसके लिए भी पहले डॉक्टर से अच्छी तरह पूछ लेना चाहिए.

 

पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के उपाय

  • जितना हो सके पानी पीएं, खुद को हाइड्रेटेड रखें.
  • ब्लोटिंग बढ़ाने वाले फल और सब्जियां खाने से बचें.
  • विटामिन डी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें.
  • विटामिन ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड्स ही खाएं.
  • पेट के निचले हिस्से पर गर्म पानी की बोतल रखने से आराम मिलेगा.
  • हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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