फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय: कारण, लक्षण और प्राकृतिक उपचार


वर्तमान समय में महिलाओं में गर्भाशय से सम्बंधित अनेक समस्याएं देखने को मिल रही हैं। देखा यह गया हैं कि भारत में 20% या 80% महिलाओं में आमतौर पर 50 वर्ष की आयु से पहले किसी समय गर्भाशय फाइब्रॉएड विकसित होता है। इसके अलावा, गर्भाशय फाइब्रॉएड 40 से 50 की उम्र के बीच होने की बहुत अधिक संभावना होती है तथा फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय कि समस्या होना भी संभव हैं। फाइब्रॉएड के होने पर महिलाओं को नियमित रूप से अपनी जाँच करवानी चाहिए जिससे की भारी गर्भाशय होने की सम्भावना पैदा न हो।

 

 

 

 

 

फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय का मतलब हो सकता है कि गर्भाशय में फाइब्रॉएड के विकास के कारण गर्भाशय का आकार बड़ा हो गया है। जब फाइब्रॉएड बहुत बड़ा होता है या कई फाइब्रॉएड होते हैं, तो यह गर्भाशय को भारी बना सकता है। इससे महिलाओं को पेट की भारीपन महसूस हो सकता हैं और उन्हें पेट में दर्द या असहनीयता का अनुभव हो सकता है। भारी गर्भाशय के साथ फाइब्रॉएड की स्थिति में, महिलाओं को गर्भाशय के आकार को संतुलित रखने के लिए चिकित्सक से सलाह लेकर नियमित रूप से इलाज करवाना चाहिए।

 

 

 

फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय होने के लक्षण क्या नज़र आते हैं ? (What are the symptoms of heavy uterus with fibroids in Hindi)

 

 

फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय होने के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

 

 

  • पेट में भारीपन
  • पेट का बढ़ जाना
  • पीरियड्स की समस्या
  • पेट में सूजन
  • पेट में दर्द या असहनीयता
  • लगातार पेशाब आना
  • पीठ दर्द या पैर दर्द
  • पेल्विक दर्द या पेल्विक क्षेत्र में दबाव
  • कब्ज की समस्या

 

 

फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय होने के कारण क्या होते हैं ? (What are the causes of heavy uterus with fibroids in Hindi)

 

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फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय होने के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

 

 

पेल्विक इन्फ्लामेटरी डिजीज (PID): पेल्विक इन्फ्लामेटरी डिजीज एक संक्रामक रोग होता है जो आमतौर पर सेक्सुअल ट्रांसमिशन या सेक्सुअल रोग से फैलता है। यह बड़ी पेशाब के नलिकाओं और गर्भाशय को प्रभावित कर सकता है जिसके कारण फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय की समस्या हो सकती हैं।

 

एंडोमेट्रियल हाइपरप्लेशिया (Endometrial Hyperplasia): एंडोमेट्रियल हाइपरप्लेशिया महिलाओं के गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) में एक स्थिति है जिसमें गर्भाशय की ऊतकों की संख्या बढ़ जाती है तथा गर्भाशय बड़ा और भारी हो जाता हैं।

 

एडेनोमायोसिस (Adenomyosis): एडेनोमायोसिस महिलाओं के गर्भाशय (उत्रस्त्राव) में होने वाली एक स्थिति है जिसमें गर्भाशय की बाहरी परत (एंडोमेट्रियम) के अंदर एंडोमेट्रियल ऊतक (गर्भाशय की अंदर की परत) की वृद्धि होती है जिसके कारण गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है।

 

प्रेगनेंसी (pregnancy): प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय की समस्या अधिक देखने को मिलती हैं।

 

जेनेटिक (Genetic): यदि फाइब्रॉएड की समस्या आपके परिवार में किसी को रही हो तो यह आगे भी हो सकती हैं।

 

गर्भाशय पॉलीप्स (uterine polyps): पॉलीप्स गर्भाशय की परत पर असामान्य ऊतक वृद्धि हैं जो गर्भाशय के सामान्य आकार की तुलना में गर्भाशय को भारी और बड़ा दिखा सकते हैं।

 

 

 

फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय का इलाज किस प्रकार हो सकता हैं ? (How can heavy uterus with fibroids be treated in Hindi)

 

 

फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय होना महिलाओं में एक आम समस्या हैं परन्तु इसके अधिक गंभीर होने पर मरीज को अनेक परेशानी हो सकती हैं इसलिए इसका इलाज समय पर करवा लेना चाहिए। चिकित्सक के अनुसार फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय का इलाज न निम्नलिखित तरीकों से किया जाता हैं जैसे की-

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दवाइयाँ (Medicine): डॉक्टर आमतौर पर फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय के लिए दवाइयों का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं, जो गर्भाशय की संरचना को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं।

 

हॉर्मोनल उपचार (Hormonal treatment): हार्मोन दवाओं का उपयोग किया जा सकता है जो फाइब्रॉएड के आकार और संरचना को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

 

मायोमेक्टोमी (Myomectomy): यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो महिलाओं के फाइब्रॉएड (गर्भाशय की गांठ) को निकालने के लिए की जाती है जिससे की गर्भाशय का आकार भी सामान्य रहता हैं।

 

हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy): हिस्टेरेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं के गर्भाशय को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है तथा यह सर्जरी तब की जाती हैं जब स्थिति अधिक गंभीर हो जाए।

 

 

 

फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय के प्राकृतिक उपचार क्या होते हैं ? (What are the natural remedies for heavy uterus with fibroids in Hindi)

 

 

फाइब्रॉएड के साथ भारी गर्भाशय के प्राकृतिक उपचारों में कई विकल्प शामिल हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं:

 

पोषण आहार: स्वस्थ आहार का सेवन करना फाइब्रॉएड और भरी गर्भाश्य के लिए महत्वपूर्ण है। फल, सब्जियाँ, पूरी अनाज, का सेवन करने से इन समस्याओं को कम किया जा सकता हैं।

 

योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम का अभ्यास करने से फाइब्रॉएड के लक्षणों में राहत मिल सकती है, जैसे कि दर्द और भारीपन।

 

हर्बल उपचार: फाइब्रॉएड के लिए कुछ हर्बल दवाइयाँ भी उपलब्ध हो सकती हैं जो लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

 

 

 

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न:

 

 

1.गर्भाशय फाइब्रॉएड का दर्द कहाँ स्थित है?

 

 

गर्भाशय फाइब्रॉएड महिलाओं के लिए एक आम समस्या तो हैं परन्तु यह दर्दनाक भी होती हैं। गर्भाशय फाइब्रॉएड की स्थिति में पेल्विक क्षेत्र में दर्द तथा भारीपन महसूस होता हैं।

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2.गर्भाशय भारी होने के लक्षण क्या हैं ?

 

 

जैसे कि पेल्विक हिस्से में सूजन और दर्द, पेशाब से जुड़ी समस्या, प्रजनन से जुड़ी समस्या और पेट के निचले में हिस्से में भारीपन। ये सभी गर्भाशय से जुड़ी समस्या के संकेत हो सकते हैं। इसलिए इस सबको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

 

 

3.फाइब्रॉएड को ठीक करने का सबसे तेज इलाज कौन-सा हैं ?

 

 

फाइब्रॉएड को ठीक करने के लिए चिकित्सक दवाइयों का सेवन करने के लिए कहते हैं परन्तु इसको जल्द ठीक करने के लिए एकमात्र तरीका सर्जरी होती हैं।

 

 

4.क्या आयुर्वेद फाइब्रॉएड को भंग कर सकता है?

 

हाँ, कई आयुर्वेदिक उपचार ऐसे होते हैं जिनके द्वारा फाइब्रॉएड और भारी गर्भाशय की समस्या ठीक हो सकती हैं।

 

 

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