बार-बार फटते हैं होंठ तो हो जाएं सतर्क, कहीं ये किसी गंभीर बीमारी का इशारा तो नहीं


Cracking Lips Indication: सर्दी हो गर्मी हो या फिर बरसात, अगर हर मौसम में आपके होंठ बार-बार किनारे से फटते हैं तो उससे जानबूझकर नजरअंदाज ना करें. दरअसल यह कोई सामान्य लक्षण नहीं है बल्कि ये  किसी बीमारी का संकेत हो सकता है.  आपको बता दें कि आकर बार-बार यही समस्या आ रही है तो ये एंगुलर चेइलिटिस (Angular cheilitis) भी हो सकता है. ये  बीमारी मुंह के कोनों पर होने वाले स्किन की स्वेलिंग है. इसलिए अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो बिना देर किए डॉक्टर से कंसल्ट करें. आज हम आपको  कुछ टिप्स (Lips Care Tips), जिन्हें अपनाकर आप इस बीमारी से खुद को बचा सकते हैं.

 

हो सकती है ये बीमारी 

सबसे पहले बता दें कि एंगुलर चेइलिटिस स्किन से जुड़ी बीमारी है, जो मुंह के कोनों को इफेक्ट करती है. इसका असर यह होता है कि होंठ फट जाते हैं, घाव हो जाते हैं और ये काफी पेनफुल होता है. कई लोग इसे कोल्ड सोर भी मान बैठते हैं लेकिन इससे बचें क्योंकि ये एंगुलर चेइलिटिस के सिम्पटम्स होते हैं. हालांकि इससे ज्यादा घबराने की जरुरत नहीं है. ये समस्या दवा या डाइट में बदलाव करने से खत्म हो जाती है. 

 

इस उम्र में ज्यादा होती है ये समस्या

एंगुलर चेइलिटिस की समस्‍या उम्रदराज और बच्चों में पाई जाती है. बुजुर्ग के मुंह की कोने की त्वचार ढीली हो जाती है. उसमें ड्राइनेस ज्यादा होता है, जिससे यह बीमारी होती है. वहीं बच्चों में लार टपकने और अंगूठा चूसने से होंठ के किनारे फट सकते हैं.

  The initial symptoms of fatty liver are visible on the body, do not ignore these signs

 

क्यों खतरनाक है एंगुलर चेइलिटिस 

कई बार लार मुंह के कोनों में जमा होने से ड्राईनेस का कारण बनती है। इसकी वजह से कभी-कभी बैक्टीरिया या फंगस होठों की दरारों में आ जाते हैं, जिससे इंफेक्शन या सूजन हो सकता है. इसके अलावा कई और कारण हैं, जिनकी वजह से यह किनारे पर होंठ फटने लगते हैं. इनमें फिट ने होने वाले डेन्चर का यूज, नींद के दौरान लार आना, मुंह में फंगल या इंफेक्शन, स्किन एलर्जी

अंगूठा चूसना और फेस मास्क पहनना शामिल है.

 

एंगुलर चेइलिटिस को न करें अनदेखा

  • अगर कभी आपके होंठ भी कोने से फट रहे हैं तो इसको इग्नोर न करें, क्योंकि इसकी वजह से कई बीमारियां हो सकती हैं, जो इस तरह हैं…
  • इम्‍यून सिस्‍टम डिसऑर्डर, जैसे HIV
  • डायबिटीज या इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज 
  • डाउन सिंड्रोम, जिससे फेस पर ड्राईनेस बढ़ जाती है
  • तनाव
  • तेजी से वजन कम होना
  • विटामिन बी, आयरन या प्रोटीन का लो लेवल
  • तेजी से वजन कम होना
  • उम्र बढ़ने के कारण त्वचा पर झुर्रियां पड़ना

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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