मल्टीपल मायलोमा ट्रीटमेंट के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल।


मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का कैंसर है, जो सफेद रक्त कोशिका में बनता है। इसे प्लाज्मा सेल्स कहा जाता है। अगर किसी व्यक्ति को मल्टीपल मायलोमा हो जाए तो उसके बोन मेरो में प्लाज्मा सेल्स जमा होने लगते हैं जिससे ब्लड सेल का उत्पादन प्रभावित होने लगता हैं। मायलोमा तब शुरू होता हैं जब स्वस्थ प्लाज्मा कोशिकाएं बदल जाती हैं। मल्टीपल मायलोमा के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरुरी होता हैं।

 

 

 

 

मल्टीपल मायलोमा एक तरह का कैंसर हैं इसके लक्षण जल्दी-से पता नहीं चलते हैं डॉक्टर के अनुसार मल्टीप्ल मायलोमा कैंसर होने पर लक्षण कुछ इस प्रकार नज़र आते हैं –

 

 

  • ज्यादा प्यास लगना। 

 

 

  • शरीर में पानी की कमी होना।

 

 

  • कब्ज की समस्या।

 

  • पेट में दर्द। 

 

  • भूख में कमी

 

  • कमजोरी महसूस करना

 

  • भ्रम की स्थिति

 

  • त्वचा में खुरदरापन महसूस होना

 

 

 

मल्टीपल मायलोमा का इलाज किस प्रकार होता हैं ?

 

सर्जरी: मल्टीपल मायलोमा की स्थिति के लिए सर्जिकल प्रक्रियाएं दर्द को नियंत्रित करने के साथ-साथ गतिशीलता और कार्य को बनाए रखने में मदद करती हैं। ऐसी प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि मायलोमा कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं और वे आवश्यक, हड्डी बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। इन कारकों के परिणामस्वरूप हड्डियों की कमजोरी और हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ सकता है इसलिए मल्टीपल मायलोमा में सर्जरी का विकल्प सबसे अच्छा माना जाता हैं तथा इस सर्जरी के दो प्रकार होते हैं –

 

 

  • काइफोप्लास्टी
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  • वर्टेब्रोप्लास्टी

 

 

कीमोथेरेपी: एक ऐसा उपचार है जिसमें कैंसर रोधी दवाएं शामिल होती हैं जो रोग के चरण के अनुसार दी जाती हैं,ये दवाएं कैंसर कोशिकाओं को मारती हैं, बोन मेरो ट्रांसप्लांट से पहले उच्च खुराक में कीमोथेरेपी दवाएं दी जाती हैं।

 

 

इम्यूनोथेरेपी: इम्यूनोथेरेपी मल्टीपल मायलोमा कैंसर से लड़ने के लिए अधिक महतवपूर्ण होती हैं क्योंकि कैंसर होने के बाद मरीज की प्रतिरक्षा प्रणाली सही नहीं रहती जिसे की वह अधिक कमजोर हो जाता हैं तो डॉक्टर द्वारा दी गयी इम्यूनोथेरेपी अधिक मह्त्वपूर्ण होती हैं।

 

 

बोन मेरो ट्रांसप्लांट-

 

 

  • मल्टीपल मायलोमा के इलाज के लिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट या बोन मैरो ट्रांसप्लांट सबसे प्रभावी तरीका है।

 

  • अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण रोगग्रस्त अस्थि मज्जा को स्वस्थ अस्थि मज्जा से बदलने की एक प्रक्रिया है।

 

  • अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण से पहले रक्त बनाने वाली स्टेम कोशिकाओं को पहले रक्त से एकत्र किया जाता है।

 

  • रोगी को रोगग्रस्त अस्थि मज्जा को नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी दवाओं की उच्च खुराक दी जाती है।

 

  • इसके बाद स्टेम सेल को शरीर में डाला जाता है।

 

 

 

मल्टीपल मायलोमा के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।

 

 

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मल्टीपल मायलोमा के इलाज के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल।

 

 

 

मल्टीपल मायलोमा के इलाज के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल।

 

 

मल्टीपल मायलोमा के इलाज के लिए ग्रेटर नोएडा के अच्छे अस्पताल।

 

  • शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
  • बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
  • जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
  • शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
  • दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
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यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।

 

 

मल्टीपल मायलोमा कैंसर में क्या खाना चाहिए ?

 

 

कैंसर के मरीजों को आमतौर पर खाने में मन नहीं लगता तथा उन्हें भूख भी कम लगती हैं, जिसके कारण उनके शरीर में भरपूर पोषण नहीं पहुंच पाता। मल्टीपल मायलोमा के मरीज को अपने आहार में कुछ चीज़े जरूर शामिल करनी चाहिए जैसे की –

 

 

  • ड्राई फ्रूट्स : बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स प्रोटीन का अच्‍छा स्रोत है, यह एक बढि़या और स्‍वाटिष्‍ट स्‍नैक के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

 

  • पीनट बटर : बाज़ार में आपको कई प्रकार के पीनट बटर मिल जाएंगे। जो मीठा भी नहीं होता, आप इसे टोस्ट या रोटी में लगाकर खा सकते हैं।

 

  • पनीर : पनीर क्यूब्स का सेवन सेहत के ल‍िए काफी अच्‍छा है। घर पर बना पनीर आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए प्रोसेस्ड वाले से ज्‍यादा अच्‍छा है।

 

  • स्प्राउट्स : स्प्राउट्स (अंकुरित मूंग दाल) को नींबू और नमक के साथ मिलाकर खाया जा सकता है, अगर आपको मीठा पसंद है तो आप उसमें थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं।

 

  • उत्तपम: दक्षिण भारतीय व्यंजन स्प्राउट्स (अंकुरित मूंग दाल) और चावल के मिश्रण से बनाए जाते हैं। आप स्वाद के लिए इसमें प्याज, धनिया, टमाटर आदि डाल सकते हैं।

 

  • दही वड़ा: दही और मूंग दाल जैसे हाई प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का एक संयोजन पौष्टिक विकल्प हो सकता है।

 

 

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