महिलाओं में बढ़े हार्ट अटैक के मामले, हर साल 35 फ़ीसदी मौतें सिर्फ हार्ट डिसीज से


Heart Attack In Women’s: दिल (heart)का स्वस्थ रहना किसी भी इंसान की लाइफ के लिए बहुत जरूरी है. लेकिन दिल की खराबी और दिल संबंधी बीमारियों यानी कार्डियोवैस्‍कुलर रोगों ने आजकल ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है. हैल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि पहले दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक (heart Attack) एक उम्र के बाद होता था लेकिन आजकल जवान औऱ बच्चे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. खास बात ये है कि पिछले कुछ सालों में पुरुषो के मुकाबले महिलाएं दिल के दौरे की चपेट में ज्यादा आ रही हैं.

 

क्या कहती है स्टडी 

 इस संबंध में कराए गए अध्ययन में कहा गया है कि कार्डियोवैस्‍कुलर रोग संबंधी खतरे महिलाओं में तेजी से बढ़ रहे हैं हर साल महिलाओं में करीब 35 फीसदी मौतें केवल दिल संबंधी बीमारियों के चलते होती है. ऐसे में जरूरी है कि महिलाओं में दिल संबंधी बीमारियों को लेकर जागरुकता फैलाई जाए. चलिए आज बात करते हैं कि महिलाओं में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD ) यानी ह्रदय संबंधी बीमारी से जुड़े रिस्क के लक्षण क्या क्या हो सकते हैं.  

 

महिलाओं में ह्रदय संबंधी बीमारियों के संकेत क्या क्या हैं  

हार्ट रिलेटेड बीमारियों के प्रति जागरुकता की कमी और हार्ट डिजीज के प्रति महिलाओं की सेंसेटिविटी ही महिलाओं को दिल संबंधी खतरों की ओर धकेल रही है. इसके कारण औरतें कम ही उम्र में हार्ट अटैक और हार्ट संबंधी दूसरे खतरों का शिकार हो रही हैं. हालांकि कुछ मामलों में महिलाओं में हार्ट की बीमारी से जुड़े संकेत पुरुषों से कुछ अलग हो सकते हैं. जैसे जबड़े में दर्द होना महिलाओं में हार्ट अटैक से पहले का एक सामान्य लक्षण है. इसके अलावा कंधे और बाएं सीने में दर्द होना भी एक सिंपटम है. इसके अलावा पीठ के ऊपरी भाग औऱ पेट के ऊपरी हिस्से में रह रह कर दर्द होना भाी हार्ट अटैक का संकेत है. लगातार पसीना आना, चक्कर आना भी कार्डिएक अरेस्ट का लक्षण है. कोई भारी काम ना करने के बावजूद आर्म्स पेन भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है. 

 

  Concerned About Your Heart Health? You May Be Lacking This Vitamin

किन महिलाओं को हो सकता है कार्डिएक अरेस्ट का ज्यादा खतरा  

डॉक्टर अनुमान लगाते हैं वो महिलाएं जिनकी पारिवारिक हिस्टरी में हार्ट अटैक के मामले हैं, वो इसकी ज्यादा गिरफ्त में आती हैं. इसके अलावा डायबिटीज 2, मोटापा, हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप से पीड़ित महिलाएं भी दिल के दौरे और हार्ट रिलेटेड डिजीज का जल्दी शिकार बनती हैं. वो महिलाएं जिनका कोलेस्ट्रोल हाई रहता है, मैनोपॉज की स्थिति से जूझ रही महिलाएं, एंजाइटी और स्ट्रेस का शिकार महिलाएं, कम नींद लेने वाली महिलाएं और स्मोकिंग और अल्कोहल का ज्यादा सेवन करने वाली महिलाएं कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (सीवीडी)  का ज्यादा शिकार बनती हैं.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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