यदि आप सप्ताह में तीन बार ढोकला खाते हैं तो शरीर पर होगा कुछ ऐसा असर!


आजकल जिस तरह की लाइफस्टाइल हो गई है अगर आप हेल्दी खाना नहीं खाएंगे तो बीमार पड़ जाएंगे.  लेकिन आज के समय एक बात बेहद कठिन है वह यह है कि हर रोज हेल्दी खाना खाना. ऐसे में जब हम 72 घंटे तक फल खाने या तीन दिन के उपवास की बात करते हैं तो ध्यान देना जरूरी हो जाता है. वहीं कुछ घरों में में सप्ताह में कम से कम दो या तीन बार गुजराती विशेषता ढोकला खाया जाता है। इसलिए, हमने विशेषज्ञों से पूछने का फैसला किया कि जब कोई व्यक्ति सप्ताह में तीन बार ढोकला खाता है तो उसके शरीर में क्या होता है?

क्या सप्ताह में तीन दिन ढोकला खाया जा सकता है?

अहमदाबाद के ज़ाइडस हॉस्पिटल्स की मुख्य आहार विशेषज्ञ श्रुति के भारद्वाज के अनुसार, ढोकला, किण्वित चावल और चने के आटे के घोल से बना एक लोकप्रिय भारतीय स्टीम्ड केक है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है.भारद्वाज ने कहा, सबसे पहले, यह प्रोटीन, कार्ब्स आदि का स्रोत है.किण्वन प्रक्रिया पोषक तत्वों की जैवउपलब्धता को बढ़ाती है, जिससे उन्हें अवशोषित करना आसान हो जाता है. इसके अलावा ढोकला में स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट होते हैं.भारद्वाज ने कहा चावल और चने के आटे को शामिल करने से आहार फाइबर की अच्छी खुराक मिलती है, पाचन में सहायता मिलती है और स्वस्थ आंत का समर्थन होता है.

ढोकला बहुत सारे विटामिन का पावरहाउस है

इसके अलावा, ढोकला विटामिन और खनिजों का एक पावरहाउस है, जिसमें बी विटामिन, आयरन और पोटेशियम शामिल हैं, जो विभिन्न शारीरिक कार्यों में योगदान देते हैं। भारद्वाज के अनुसार, किण्वन प्रक्रिया प्रोबायोटिक्स का भी उत्पादन करती है, जो आंत के स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा प्रणाली के समर्थन के लिए फायदेमंद है.

  Heart Health Tips: Is high intensity workout advisable for stroke survivors? Here's what you need to know

ढोकला क्यों है हेल्दी

ढोकला को इसलिए हेल्दी माना जाता है क्योंकि यह तला नहीं बल्कि भाप से पकाया जाता है. ढोकला दूसरे स्नैक्स की तरह ऑयली नहीं होता बल्कि हेल्दी होता है. इसकी हल्की और मुलायम बनावट पाचन के लिए बहुत अच्छा होता है. जिन लोगों को अक्सर अपच की शिकायत होती है उन्हें ढोकला जरूर खाना चाहिए. हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार चिकित्सक डॉ. दिलीप गुडे ने कहा सप्ताह में तीन बार से अधिक ढोकला खाने से कब्ज, चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम जैसे लक्षण, सूजन आदि हो सकते हैं,  भोजन की किण्वित प्रकृति पाचन पर लैक्टिक एसिड जारी कर सकती है जिसके परिणामस्वरूप गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दुष्प्रभाव हो सकते हैं.अगर कम मात्रा में लिया जाए तो ढोकला प्रोटीन से भरपूर होता है और चूंकि यह भाप में और (तेल में नहीं) तला हुआ होता है, इसलिए इसमें पोषक तत्व बढ़ सकते हैं। लेकिन इसे कभी-कभी नाश्ते के रूप में लिया जाना चाहिए न कि मुख्य भोजन के रूप में.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

ये भी पढ़ें : ब्रेस्ट फीडिंग करवाने वाली मां को कौन सी सप्लीमेंट विटामिन्स लेने होते हैं जरूरी

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

Leave a Comment