जिस तरह से वायु प्रदूषण का AQI का लेवल बिगड़ता जा रहा है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट से लेकर डॉक्टर सभी की यह सलाह है कि कम से कम बाहर निकलें. अभी जो हवा की स्थिति है और वह जिस तरीके से गैस चैंबर बना हुआ है वह सिर्फ हार्ट या लंग्स के लिए ही नहीं बल्कि लिवर-किडनी के लिए भी खतर हो सकनाक साबित हो सकता है. पूरे वक्त घर में रहना भी मुश्किल है आपको किसी न किसी काम की वजह से बाहर निकलना पड़ता ही है. चाहे वह ऑफिस या किसी काम के सिलसिले में. आज आपको आयुर्वेद के हिसाब से कुछ खास टिप्स बताएंगे जिसकी मदद से आप अपनी लिवर-किडनी को इसे पॉल्यूशन में बूस्ट रख सकते हैं.
किडनी के स्वास्थ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी से यूटीआई यानी मूत्र मार्ग में संक्रमण, किडनी में पथरी या किडनी से जुड़ी कोई बीमारी हो सकती है। किसी बड़ी मुसीबत का सामना करने से पहले आपको सतर्क रहने की जरूरत है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद किडनी को अच्छी स्थिति में रखने का एक पूर्ण प्राकृतिक तरीका प्रदान करता है?
किडनी में किसी भी तरह की गड़बड़ी का अर्थ है यूटीआई यानि यूरिनरी के रास्ते में इंफेक्शन, किडनी में पथरी या किडनी से जुड़ी कोई भी बीमारी हो सकती है. आप ऐसे किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना करें इससे पहले आपको सतर्क रहने की जरूरत है. आज हम आपको आयुर्वेद के हिसाब से बताएंगे कि आप किडनी को किस तरह से हेल्दी रख सकते हैं. दूसरे दवा की तरह इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं है.
क्या आपको पेशाब करते समय जलन या दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है? अगर हां, तो यह आपकी किडनी के स्वास्थ्य में किसी तरह की समस्या या गड़बड़ी का संकेत हो सकता है. किडनी के स्वास्थ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी से यूटीआई यानी यूरिन निकलने के रास्ते में इंफेक्शन, किडनी में पथरी या किडनी से जुड़ी कोई बीमारी हो सकती है. किसी बड़ी मुसीबत का सामना करने से पहले आपको सतर्क रहने की जरूरत है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद किडनी को अच्छी स्थिति में रखने का एक खास तरीका है. कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ किडनी और लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं. आइए एक नजर डालते हैं उन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों पर जो किडनी और लीवर को स्वस्थ रखती हैं.
त्रिफला
त्रिफला आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का एक संयोजन है. जो आपके वजन को कम करने में मदद करता है और किडनी को नैचुरल तरीके से ठीक से काम करने में सुधार करता है. त्रिफला खाने से किडनी और लीवर मजबूत होते हैं.इसे खाने से शरीर को खूब एनर्जी मिलती है. और आपका माइंड भी अच्छा रहता है.
तुलसी
तुलसी के नाम से भी जानी जाने वाली तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. ये हरी पत्तियां मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं. अपनी नियमित चाय में कुछ पत्तियों का उपयोग करके या इसे अपने पानी में उबालकर और पूरे दिन पीते हुए तुलसी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें.
धनिया
भारतीय रसोई में मसाले के रूप में इस्तेमाल होने वाला धनिया किडनी से जुड़ी समस्याओं के लिए बहुत कारगर है. धनिया गुर्दे और मूत्राशय के कार्यों को विनियमित करने में मदद करता है.
चंदन
यूटीआई, पेशाब के दौरान जलन और पेशाब में समस्या होने पर आयुर्वेद चंदन पीने की सलाह देता है. शांत और सुखदायक, चंदन में रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं. यह यूटीआई संक्रमण का इलाज करते हुए किडनी के कार्यों को प्रबंधित करने में मदद करता है.
अदरक
रसोई का एक और आवश्यक पदार्थ, अदरक लीवर और किडनी को साफ करने में बहुत मददगार है. इसके सेवन से लीवर और किडनी डिटॉक्सीफाई होते हैं. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण किडनी के दर्द और सूजन को कम करते हैं और यूटीआई संक्रमण की समस्या से बचाते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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