हीमोफीलिया के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल – Best Hindi Health Tips (हेल्थ टिप्स), Healthcare Blog – News


हीमोफीलिया, दरअसल एक तरह का ब्लीडिंग डिसऑर्डर है। यह एक जेनेटिक बीमारी या डिसऑर्डर है और ये बहुत कम लोगों में होता है। यह बीमारी महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में होती है। किसी तरह की चोट लग जाने पर या शरीर में कहीं कट जाने पर अगर आपकी ब्लीडिंग जल्दी बंद नहीं होती तो ये एक खतरनाक बीमारी हो सकती है। इस स्थिति को हीमोफीलिया कहा जाता है। हीमोफीलिया बीमारी की वजह से इंसान के शरीर में रक्त के थक्के जमने का प्रोसेस बंद होने लगता है।

 

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस बीमारी का कारण एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे ‘क्लॉटिंग फैक्टर’ कहा जाता है। इस फैक्टर की वजह से ही जब खून बहता है तो थोड़ी देर में वह उसका थक्का जमाकर रक्त बहने से रोक देता है। इसका मतलब है की शरीर से बहने वाला खून जल्दी नहीं बंद नहीं हो पाता है। इसी वजह से हीमोफीलिया से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर से खून बहना बंद होने में स्वस्थ व्यक्ति से ज्यादा समय लगता है। हीमोफीलिया के कुछ बहुत गंभीर केसेस में शरीर के अंदर खून बहने से (Internal Bleeding) होने लगती है। ऐसी स्थितियों में समय पर इलाज न मिले तो मरीज को बहुत खतरा रहता है।

 

 

 

 

 

  • कम या ज्यादा चोट लग जाने से खून लगातार बहता रहता है।

 

  • शरीर के अलग हिस्सों के जॉइंट्स मैं दर्द रहता है।

 

  • शरीर के किसी भी हिस्सों मैं अचानक सूजन आ जाना।

 

  • शरीर के किसी भी हिस्सों पर नील पड़ जाना।

 

 

  • जोड़ों में ब्लीडिंग होने से प्रभावित जोड़ों में सूजन या दर्द होना, इसमें ज्यादातर कोहनी, घुटने और टखने प्रभावित होते हैं।

 

 

 

 

हीमोफीलिया के प्रकार।

 

 

हीमोफीलियाके कई अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं, लेकिन इसके प्रमुख दो ही प्रकार हैं जो निम्न हैं –

 

  • हीमोफीलिया टाइप ए (Hemophilia Type A) – इस प्रकार के हीमोफीलिया को क्लासिक हीमोफीलिया के रूप में भी जाना जाता है। हेमोफिलिया ए फैक्टर VIII प्रोटीन और VIII ब्‍लड क्‍लॉटिंग फैक्‍टर की कमी के कारण होता है।

 

  • हीमोफीलिया टाइप बी (Hemophilia Type B) – इसे क्रिसमस रोग (Christmas Disease) के रूप में भी जाना जाता है। हीमोफीलिया बी, फैक्टर IX और क्लॉटिंग फैक्टर IX की कमी के कारण होता है।
  Schools Mental Health First Aid

 

 

 

 

हीमोफीलिया के कारण।

 

 

जब हीमोफीलिया बीमारी वाले व्यक्ति को रक्तस्राव होता है, तो शरीर आम तौर पर रक्तस्राव को रोकने के लिए एक थक्का बनाने के लिए रक्त कोशिकाओं को एक साथ इकट्ठा करता है। थक्का जमाने वाले तत्व रक्त के अंदर प्रोटीन होते हैं जो थक्के बनाने के लिए प्लेटलेट्स नामक कोशिकाओं के साथ काम करते हैं। हीमोफीलिया तब होता है जब थक्का बनाने वाले भाग में कमी होती है या थक्के बनाने वाले भाग का स्तर कम होता है।

 

 

जन्म से बीमारी

 

हीमोफीलिया की बीमारी आमतौर पर व्यक्ति को (जन्मजात) के साथ पैदा भी पैदा हो सकती है। जन्मजात हीमोफीलिया को निम्न प्रकार के थक्के जमने के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। ज्यादातर सामान्य स्थिति प्रकार हीमोफिलिया ए है, जो घटक आठ के निम्न स्तर से संबंधित है। अगला अधिकतम, सामान्य स्थिति प्रकार हीमोफिलिया बी है, जो घटक नौ के निम्न स्तर से संबंधित है।

 

हीमोफीलिया ज्यादातर लड़कों में होता है जो मां के किसी एक जीन के माध्यम से मां से बेटे के अंदर फैलता है। दोषपूर्ण जीन वाली अधिकांश लड़कियाँ प्रदाता होती हैं जिनके पास हीमोफिलिया के लक्षण या संकेत होते हैं। लेकिन कुछ प्रदाताओं में रक्तस्राव के लक्षण हो सकते हैं यदि उनके थक्के जमने के कारक काफी कम हो जाते हैं।

 

 

 

हीमोफीलिया होने के जोखिम कारक।

 

 

परिवार में पहले किसी को हीमोफीलिया होना (फैमिली हिस्ट्री) ही इसका सबसे बड़ा कारण माना जाता है। इसके अलावा पुरुष होना भी हीमोफीलिया का जोखिम कारक हो सकता है, क्योंकि यह जोखिम कारक महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में पाए जाते हैं।

 

लेकिन, यह बिना फैमिली हिस्‍ट्री वाले लोगों को भी हो सकता है। हाल ही में करीब 33 प्रतिशत बच्‍चे ऐसे हैं जिनमें हीमोफीलिया की स्थापना हुई है लेकिन उनकी फैमिली हिस्‍ट्री में किसी को भी ये ब्‍लीडिंग डिसऑर्डर नहीं था। इन मामलों के पीछे का कारण क्लॉटिंग फैक्टर प्रोटीन बनाने वाली जीन में किसी प्रकार का म्यूटेशन या बदलाव माना गया है। जीन में आए इस परिवर्तन के कारण क्लॉटिंग फैक्टर प्रोटीन ठीक से काम नहीं कर पाता है या फिर शामिल ही नही होता है और परिणामस्वरूप रक्त के थक्के बनने का प्रोसेस शुरू हो जाता है। ‘फीमेल हीमोफिलिया’ नामक एक बहुत ही दुर्लभ स्थिति है जब महिला के दोनों क्रोमोसाम में दोषपूर्ण जीन होता है। इस स्थिति में महिला हीमोफीलिया से पीड़ित होती है।

  Is lemon, coffee and hot water a magic drink for weight loss?

 

 

 

हिमोफीलिया का इलाज।

 

 

हिमोफीलिया के इलाज की बात करें तो सबसे पहले डॉक्टर ब्लड टेस्ट करवाते है। उसके बाद नीचे दिए गए तरीकों से इसका इलाज किया जाता है-

 

थेरेपी

 

हिमोफीलिया का इलाज बीमार व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। अधिक गंभीर (situation) में हीमोफीलिया से जुड़े क्लॉटिंग फैक्टर को बदलना पड़ता है, जिसके लिए एक नली का इस्तेमाल किया जाता है इसमें नली को नशों के अंदर डाला जाता है जिसे रिप्लेसमेंट थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है।

 

 

डीडीएवीपी

 

अगर किसी व्यक्ति को थोड़े कम हिमोफीलिया के लक्षण हैं तो यह शरीर में ज्यादा क्लॉटिंग फैक्टर बनाने का काम करता है। इसका टीका नसों के भीतर लगाया जाता है या नाक में स्प्रे की मदद से टीका लगाया जाता है।

 

 

एंटी फिब्रिनोलिटिक्स

 

इस दवा की मदद से ब्लड क्लॉट्स को टूटने से रोका जाता है, इसके अलावा फाइब्रिन सीलेंट सीधे चोट पर लगाई जाती है जिससे घाव जल्दी भर जाए और ब्लड क्लॉट बन सके।

 

 

फिजियोथेरेपी

 

शरीर के अंदर लगी हुई चोट से होने वाली परेशानियां और जोड़ों में हुई हानि को खत्म करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है।

 

 

टीकाकरण

 

अगर कोई व्यक्ति हीमोफीलिया बीमारी से पीड़ित है तो उसे हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी के खिलाफ टीका जरूर लगवाना चाहिए।

 

 

फिजिकल थेरेपी

 

कुछ गंभीर हालातो में अगर हीमोफीलिया के कारण आपके शरीर के जोड़ damaged हो गए हैं, तो ऐसे में फिजिकल थेरेपी की मदद से उन्हें रिहैबिलिटेशन दी जाती है।

 

 

 

 

हिमोफीलिया रोग के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।

 

  Why Is One Drop Of GOLDEN BLOOD Group More Precious Than One Gram Of Gold?

 

 

हिमोफीलिया रोग के इलाज के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल-

 

 

 

हिमोफीलिया रोग के इलाज के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल-

 

 

 

 

 

यदि आप हिमोफीलिया का इलाज करवाना चाहते हैं, या इससे सम्बंधित किसी भी समस्या का इलाज कराना चाहते हैं, या कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर (play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकते हैं। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमे [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of src=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।


 

 



Source link

Leave a Comment