आजकल गलत खानपान के कारण किडनी रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। किडनी शरीर के मह्त्वपूर्ण अंगों में से एक होता हैं किडनी हमारे पसलियों के नीचे स्थित होती हैं। आमतौर पर किडनी का काम हमारे खून में मौजूद गंदगी, अतिरिक्त पानी और शरीर के लिए हानिकारक तत्वों को छानकर अलग करना होता हैं। किडनी हमारे शरीर में विटामिन डी को एक्टिव करती हैं ताकि हड्डियां कैल्शियम को एब्जॉर्ब (अवशोषित) कर सके।
किडनी ट्रांसप्लांट या किडनी प्रत्यारोपण एक शल्य चिकित्सा (surgery) है जिसमें एक किडनी दाता (kidney donor) अपनी एक स्वस्थ किडनी, एक ऐसे व्यक्ति को देता है जिसकी किडनी ठीक से काम नहीं कर रही हो। किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद व्यक्ति स्वस्थ रह सकता हैं तथा सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता हैं। मनुष्य के शरीर में दो किडनी मौजूद होती हैं यदि दोनों में से एक किडनी खराब हो जाए तो व्यक्ति जीवित रह सकता हैं परन्तु किसी व्यक्ति की दोनों किडनियां खराब हो जाए तो उससे जीवित रहने के लिए डायलिसिस की जरुरत होती हैं जिसके लिए किडनी ट्रांसप्लांट सबसे सटीक इलाज माना जाता हैं। किडनी ट्रांसप्लांट होने से पहले मरीज को सर्जन से सारी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। किडनी ट्रांसप्लांट के सबसे ज्यादा जरुरत डोनर की होती हैं जो की अपनी किडनी मरीज को दे। किडनी डोनर दो प्रकार से हो सकते हैं –
- कई बार ऐसा होता हैं की जिस मरीज को किडनी की जरुरत होती हैं उसका रक्त किसी ऐसे व्यक्ति से मिल जाए जिसकी मृत्यु हो गयी हो ऐसी स्थिति में किसी मृत व्यक्ति की किडनी भी मरीज को दे सकते हैं।
- दूसरा यह की यदि मरीज का रक्त अपने परिवार में या फिर ब्लड रिलेशन में किसी से मिल जाता हैं तो वह जीवित व्यक्ति भी अपनी किडनी मरीज को दे सकता हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट से पहले मरीज की जाँच कैसे की जाती हैं?
- किडनी ट्रांसप्लांट से पहले मरीज का शारीरिक परीक्षण किया जाता हैं ताकि यह देखा जा सके की मरीज किसी गंभीर बीमारी से तो ग्रस्त नहीं हैं और ऑपरेशन के लिए मरीज की स्थिति ठीक हैं या नहीं।
- माइक्रोस्कोप की मदद से किडनी के ऊतकों की जाँच की जाती हैं और किडनी की बायोप्सी भी की जाती हैं इस जाँच को करने से असामान्य कोशिकाओं को देखने में मदद मिलती हैं।
- यदि मृत डोनर की किडनी ट्रांसप्लांट की जनि हैं तो दोनों के ऊतकों का मिलान किया जाता हैं और एंटीबॉडीज़ टेस्ट उसी प्रकार किए जाते हैं जैसे जीवित डोनर के साथ किए जाते हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया क्या होती हैं ?
किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में यदि जीवित व्यक्ति डोनर हैं तो मरीज और डोनर दोनों का ऑपरेशन साथ में किया जाता हैं। एनेस्थीसिया देने के बाद पेट के नीचे बड़ा चीरा लगा कर डोनर से किडनी निकालकर विशेष प्रकार के ठंडे द्रव से अच्छी तरह साफ किया जाता हैं। फिर इसे मरीज के पेट के नीचे चीरा लगा कर पेट के आगे वाले हिस्से में दाहिने ओर नीचे लगा दिया जाता हैं तथा उसके बाद मरीज की धमनियों ओर नसों को डोनर से मिली किडनी के साथ जोड़ दिया जाता हैं मरीज की किडनी को बाहर निकाला नहीं जाता हैं बहुत कम स्थिति में ऐसा होता हैं की मरीज की संक्रमित किडनी को बाहर निकाला जाए। ऑपरेशन होने के बाद सर्जिकल धागों से चीरे को बंद कर दिया जाता हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में लगभग 3 घंटे का समय लगता हैं। यदि जीवित व्यक्ति की किडनी लगी हो तो वह तुरंत काम करना शुरू कर देती हैं परन्तु किसी मृत व्यक्ति की किडनी लगी हो तो वह कुछ दिन या हफ्ते के बाद काम करना शुरू करती हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अच्छे अस्पताल –
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल।
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल।
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए ग्रेटर नोएडा के अच्छे अस्पताल।
- दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
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किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को क्या करना चाहिए ?
जिन व्यक्तियों में किडनी ट्रांसप्लांट की जाती हैं उसके बाद उनकी इम्युनिटी पॉवर काफी कमजोर हो जाती हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डॉक्टर मरीज को एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं जो की बहुत प्रभावशाली होती हैं जिसके लिए मरीज की इम्युनिटी स्ट्रांग होनी चाहिए। जिसके लिए सबसे जरुरी होता हैं खान-पान पर ध्यान देना किडनी ट्रांसप्लांट के बाद किस तरह के खाने का सेवन करना चाहिए –
- किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद शरीर को पूरी तरह उबरने के लिए सबसे ज्यादा प्रोटीन ज़रूरत पड़ती है। इसलिए अपनी डाइट में प्रोटीन को अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करें। इसके अलावा जो मरीज डायलिसिस की प्रक्रिया से गुज़र चुकें हैं उन्हें अपनी डाइट में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ा देनी चाहिए, इसलिए दूध, दाल जैसी चीजों का सेवन ज्यादा करें।
- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद कच्चे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योकि इनसे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता हैं तथा जब भी फलों का सेवन करना हो तो उन्हें गरम पानी में उबालकर खाएं ताकि उनमें मौजूद सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाए।
- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद नॉनवेज खाने का सेवन बिल्कुल भी न करें। क्योंकि ये बहुत ज्यादा भारी हो सकता है। इसलिए इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें यह किडनी पर अधिक बुरा प्रभाव डालता हैं। यदि कोई भी व्यक्ति जो की धूम्रपान करता हो उससे भी दूरी बना के रखें।
- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सभी प्रकार की दालों का सेवन करना भी लाभदायक होता हैं।
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