ब्लैडर कैंसर की सर्जरी के लिए बेस्ट हॉस्पिटल। – Best Hindi Health Tips (हेल्थ टिप्स), Healthcare Blog – News | GoMedii


ब्लैडर मानव शरीर में पेट के नीचे हिस्से में स्थित एक खोकली थैलीनुमा अंग होता हैं जो की हमारे यूरिन सिस्टम का हिस्सा होता हैं। कुछ लोग ब्लैडर में कैंसर की बीमारी का शिकार हो जाते हैं जो की जानलेवा भी मानी जाती हैं। ब्लैडर कैंसर महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में अधिक देखा जाता हैं तथा यह किसी भी उम्र में हो सकता हैं। ब्लैडर कैंसर का इलाज शुरुआत में ही करवा लेना चाहिए ताकि वह बढ़कर अधिक परेशान न करे इसलिए किसी भी व्यक्ति को ब्लैडर कैंसर से सम्बंधित कोई भी लक्षण नज़र आते हैं तो वह डॉक्टर से संपर्क करें।

 

 

 

 

 

ब्लैडर कैंसर तब होता है जब मूत्राशय में कोशिकाएं (ज्यादातर अस्तर उपकला कोशिकाएं जिन्हें यूरोटेलियल कोशिकाएं कहा जाता है) उत्परिवर्तन से गुजरती हैं, वे बदल जाती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। यह एक ट्यूमर बनाता है, जो कैंसर हो सकता है (बढ़ता है और शरीर के अन्य भागों में फैलता है) या सौम्य हो सकता है (बढ़ता है और फैलता नहीं है)। ब्लैडर कैंसर अधिक घातक बीमारी होती हैं इसका इलाज समय पर होना अत्यधिक आवश्यक होता हैं।

 

 

 

ब्लैडर कैंसर के प्रकार।

 

 

  • यूरोटेलियल कार्सिनोमा: यह सभी मूत्राशय के कैंसर का 90 प्रतिशत हिस्सा है, जो ज्यादातर वयस्कों में पाया जाता है और मूत्राशय की यूरोटेलियल कोशिकाओं में शुरू होता है।

 

  • स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा: यह मूत्राशय को अस्तर करने वाली स्क्वैमस कोशिकाओं की जलन या सूजन के कारण होता है। यह सभी मूत्राशय के कैंसर का 4 प्रतिशत है।

 

  • एडेनोकार्सिनोमा: यह मूत्राशय की ग्रंथि कोशिकाओं से विकसित होता है और मूत्राशय के सभी कैंसर का 2 प्रतिशत हिस्सा होता है।

 

 

  Joanna Lumley discussed mental health 'bandwagon' & was leapt on by wolves

 

ब्लैडर कैंसर के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?

 

 

कैंसर जैसी बीमारी दर्दनाक होती हैं इसके लक्षण जल्दी से नज़र नहीं आते इसलिए ब्लैडर से सम्बंधित कोई भी समस्या को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए परन्तु जब ब्लैडर कैंसर की शुरुआत होती हैं तो लक्षण कुछ इस प्रकार नज़र आते हैं जैसे की –

 

  • बार – बार बुखार आना।

 

  • खासी आना और खासी में खून आना।

 

  • मल त्याग करने में जलन और खून।

 

 

  • महिलाओं में पीरियड्स के समय अधिक ब्लड निकला भी प्रमुख लक्षण होता हैं।

 

  • कमर में अधिक दर्द होना।

 

 

 

ब्लैडर कैंसर होने के कारण क्या होते हैं ?

 

 

शोधकर्ताओं के अनुसार, अधिकांश मूत्राशय के कैंसर के सटीक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन कुछ जोखिम कारक जैसे धूम्रपान, आहार और रसायनों के संपर्क में आना ब्लैडर कैंसर के विकास में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। ब्लैडर कैंसर के सामान्य कारणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं –

 

  • हेयरड्रेसर, पेंटर, मशीनिस्ट, प्रिंटर जैसे उद्योगों में काम करने वाले लोगों को ब्लैडर कैंसर होने की संभावना होती है।

 

  • लंबे समय तक हानिकारक रसायनों के संपर्क में रहने से ब्लैडर कैंसर होता है।

 

  • पियोग्लिटाज़ोन नामक कुछ मधुमेह की दवाएँ लेने से आपके मूत्राशय के कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है।

 

  • विगत विकिरण जोखिम।

 

  • कैंसर पैदा करने वाले रसायनों के संपर्क में आना।

 

  • मूत्राशय के अस्तर की पुरानी जलन।

 

  • परजीवी संक्रमण।

 

  • वंशानुगत कारक।

 

  • धूम्रपान तथा तम्बाकू का अधिक सेवन करने से भी ब्लैडर कैंसर का खतरा रहता हैं।

 

 

 

ब्लैडर कैंसर की जाँच करने के लिए टेस्ट किस प्रकार होते हैं ?

 

 

  The Salt Controversy

ब्लैडर कैंसर का इलाज करने से पहले डॉक्टर जाँच करते हैं जिसमें की कुछ टेस्ट होते हैं जैसे की –

 

  • सीटी स्कैन: इस टेस्ट के द्वारा शरीर के अंदरूनी तस्वीर ली जाती हैं और यह पता लगाया जाता हैं की शरीर में कैंसर किस हद तक फ़ैल गया हैं।

 

  • एक्स- रे: यदि मरीज के मूत्राशय मार्ग में कोई दिक्कत होती हैं वह एक्स- रे से पता लग जाती हैं।

 

  • यूरिन साइटोलॉजी कराना: अक्सर, डॉक्टर यूरिन साइटोलॉजी(urine cytology) से भी मूत्राशय कैंसर की पहचान की जाती है।इसमें यूरिन के नमूने की जांच माइक्रोस्कोप में रखकर की जाती है और इस बात का पता लगाया जाता है कि क्या किसी व्यक्ति के यूरिन में कैंसर की कीटाणु मौजूद हैं अथवा नहीं।

 

  • सिस्टोस्कोपी, बायोप्सी कराना: वर्तमान समय में, मूत्राशय कैंसर की पहचान सिस्टोस्कोपी (cystoscope) + बायोप्सी के द्वारा की जाती है।

 

 

 

ब्लैडर कैंसर का इलाज कैसे हो सकता हैं ?

 

 

ब्लैडर कैंसर का इलाज उसकी स्थिति के अनुसार होता हैं तथा इलाज से पहले मरीज की जाँच की जाती है। डॉक्टर के अनुसार ब्लैडर कैंसर का इलाज कुछ इस प्रकार होता हैं।

 

कीमोथेरेपी: यह कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाइयों के उपयोग से की जाती हैं। कीमोथेरेपी का इस्तेमाल उन ऊतकों केलिए किया जाता हैं जो मूत्राशय की दीवार तक ही सिमित होते हैं।

 

रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता हैं जब मरीज को सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती हैं तो उसके बाद डॉक्टर इसी का विकल्प चुनते हैं।

 

इम्यूनोथेरपी: यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने के लिए की जाती हैं।

 

  Deepika Padukone made such a big mistake during pregnancy, you should avoid it, otherwise...

सर्जरी: ब्लैडर कैंसर में सर्जरी कैंसर कोशिकाओं को हटाने के लिए की जाती हैं। यह अधिकतर मूत्राशय की आतंरिक परतों से कैंसर कोशिकाओं को हटाने के लिए की जाती हैं।

 

 

 

ब्लैडर कैंसर के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।

 

 

 

 

यदि आप ब्लैडर कैंसर का इलाज कराना चाहते हैं, या इससे सम्बंधित किसी भी समस्या का इलाज कराना चाहते हैं, या कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। इसके अलावा आप प्ले स्टोर(play store) से हमारा ऐप डाउनलोड करके डॉक्टर से डायरेक्ट कंसल्ट कर सकते हैं। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमे [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

 

Doctor Consutation Free of src=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।


 

 



Source link

Leave a Comment