लिवर में टीबी होने के लक्षण और इसके इलाज। – GoMedii


टीबी की बीमारी अधिक घातक होती हैं अधिकतर लोग यह मानते हैं की टीबी सिर्फ फेफड़ो और पेट में होती हैं परन्तु ऐसा नहीं होता हैं टीबी की बीमारी मनुष्य के लिवर में भी हो सकती हैं। टीबी एक संक्रामक रोग हैं जो की शरीर के कई अंगो को प्रभावित करती हैं टीबी के कई अलग-अलग प्रकार होते हैं जैसे गले की टीबी , सिर में टीबी , हड्डियों की टीबी आदि। सभी के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं।

 

लिवर टीबी को मेडिकल भाषा हेपेटिक ट्यूबरक्लोसिस (Hepatic Tuberculosis) कहते हैं,टीबी के सबसे आम प्रकारों में से एक हैं। जो आपके लिवर को काफी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यदि लिवर टीबी होने पर लक्षण शुरुआत में ही पता लग जाये तो इससे आसानी से छुटकारा मिल सकता हैं तथा मनुष्य सामान्य रूप से ठीक हो सकता हैं।

 

 

 

 

 

लिवर टीबी के लक्षण सभी मनुष्य में अलग-अलग नज़र आते हैं परन्तु ऐसा बहुत कम स्थिति में होता हैं की टीबी के होने पर शुरुआत में ही लक्षण सामने आ जाए। लिवर टीबी के लक्षण अधिक संक्रमण बढ़ने के बाद ही नज़र आते हैं, डॉक्टर के अनुसार लिवर टीबी के लक्षण निम्नलिखित प्रकार के होते हैं –

 

 

  • लिवर का आकार बढ़ना

 

  • पेट में दर्द की समस्या

 

  • वजन लगातार कम होना

 

  • तिल्ली का बढ़ना

 

  • बुखार आना

 

  • पीलिया हो जाना

 

 

 

 

 

लिवर टीबी होने का कारण क्या होता हैं ?

 

 

  • एचआईवी संक्रमण वाले रोगियों में, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जिससे शरीर के लिए ट्यूबरकल बेसिली से लड़ना अधिक कठिन हो जाता है। इन लोगों में अव्यक्त संक्रमण के सक्रिय संक्रमण में बढ़ने की संभावना अधिक होती है।
  Tips to lose weight the right way

 

  • टीबी ग्रसित व्यक्ति का संक्रमित रूमाल या तौलिया इस्तेमाल करने से भी यह हो सकता है।

 

  • माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (एमटीबी) बैक्टीरिया के कारण ऐसा हो सकता है।

 

  • जुकाम व फ्लू की तरह टीबी भी हवा से फैल सकता है। जब टीबी से ग्रसित कोई व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है, तो उसके मुँह से लार की अति सूक्ष्म बूंदें निकलती हैं और हवा में फैल जाती हैं। ये बूंदें बहुत सूक्ष्म होती हैं, जो दिखाई नहीं देती हैं लेकिन इनमें टीबी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया होते हैं।

 

 

 

लिवर टीबी में क्या खाना चाहिए ?

 

 

इस बीमारी में कैलोरी, प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-ए, विटामिन-डी और विटामिन-ई जैसे पोषक तत्वों को जरूरी माना जाता है। लिवर टीबी होने पर कुछ इस प्रकार के पदार्थो का सेवन करना चाहिए जैसे की –

 

  • सब्जियाँ और फल: टीबी डाइट में ताजा सब्जियों और फलों को भी शामिल करें। खासकर हरी पत्तेदार सब्जियों को। इनसे शरीर को जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स मिल सकते है। साथ ही यह खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर से भी संपन्न होते हैं।

 

  • लहसुन: लहसुन में पाए जाने वाले एलिसिन और अलीन नामक यौगिक टीबी के बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में मदद कर सकते हैं। इन यौगिकों में एंटी माइकोबैक्टीरियल प्रभाव होता है, जो टीबी के बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक हो सकते हैं। ऐसे में लहसुन का सेवन करके ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के साथ ही टीबी के लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है।

 

  • अंडा: अंडे का सेवन टीबी की समस्या के दौरान लाभदायक हाे सकता है। शोध के अनुसार अंडे में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। अंडे में पाया जाने वाला प्रोटीन टीबी के दौरान कम होने वाले वजन को नियंत्रित रखने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा इसमें कई प्रकार के मिनरल्स और विटामिन की भी अच्छी मात्रा होती है।
  Cloud-based solutions provide scalability and flexibility - ET HealthWorld

 

  • दूध: दूध का सेवन टीबी की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, दूध में प्रोटीन, फैट और कई माइक्रोन्यूट्रिएंट होते हैं, जो टीबी की समस्या में होने वाले पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति में फायदेमंद हो सकते हैं।

 

  • अदरक: टीबी की समस्या होने पर अदरक का उपयोग खाना बनाते समय किया जा सकता है। इस विषय पर हुए एक शोध में पाया गया है कि अदरक में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गतिविधि होती हैं। ये दोनों प्रभाव डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली एंटी टीबी थेरेपी के साथ टीबी के उपचार में मदद कर सकते हैं।

 

  • खिचड़ी: टीबी से बीमार लोगों की सेहत में सुधार के लिए खान पान को सुधारना आवश्यक है। ऐसे में खिचड़ी आपका समस्या का समाधान कर सकती है। दाल, चावल और सब्जियों से बनी खिचड़ी का एक कटोरा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और शरीर के लिए आवश्यक अन्य सभी पोषक तत्वों का एक पूरा पैकेज है। यह एक संपूर्ण भोजन है और पचने में आसान है। चूंकि टीबी के रोगियों की भूख कम होती है और दवाओं के कारण वे ज्यादा नहीं खा पाते हैं, इसलिए यह एक-डिश उन्हें सभी पोषक तत्व प्रदान करेगी।

 

 

इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of src=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।

  Perspective | Struggling with mental health, I began to shoplift

 

 



Source link

Leave a Comment