Pollution Health Effects : दिल्ली समेत कई शहरों में पॉल्यूशन लेवल बढ़ गया है. हवा दम घोंट रही हैं और सांस लेना भी दूभर हो गया है. ऐसे में सांस के मरीजों की समस्या भी काफी बढ़ गई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आने वाले समय में जैसे-जैसे प्रदूषण बढ़ता जाएगा, वैसे ही सांस के मरीजों की तकलीफ भी बढ़ती जाएगी. हवा की खराब गुणवत्ता अस्थमा या दमा और सांस के मरीजों की समस्या बढ़ा सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हवा में मौजूद प्रदूषण वाले तत्व सीधे मरीजों के फेफड़ों पर अटैक कर रहे हैं. जिसकी वजह से सांस नली में एलर्जी बढ़ रही है. इससे बेहद सेंसिटिव सांस के मरीजों को स्मॉग और भी खतरनाक हो सकता है. ऐसे में सावधानी बरतने की सबसे ज्यादा जरूरत है. दिल्ली या किसी प्रदूषित शहर में रहने वाले सांस के मरीजों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए…
खराब हवा में सांस के मरीज इन बातों का रखें ध्यान
1. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सांस के मरीज सुबह-शॉाम वॉक करने के लिए घर से बाहर न जाएं. इस दौरान प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है. वॉक के दौरान फेफड़े ज्यादा ऑक्सीजन खींचते हैं, जिससे ज्यादा प्रदूषण तत्व शरीर के अंदर पहुंचकर नुकसान पहुंचा सकते हैं.
2. अगर सांस की ज्यादा प्रॉब्लम है तो घर से निकलना बिल्कुल बंद कर दें. अगर बाहर जाना बेहद जरूरी ही है तो बिना एन 95 मास्क पहने घर से बाहर न जाएं.
3. प्रदूषण बढ़ने पर सांस की समस्याएं बढ़ेंगी, इसका इंतजार न करें. इससे पहले ही डॉक्टर के संपर्क में रहें और उनकी बताई बातों का पालन करें.
4. अगर इन्हेलर का इस्तेमाल करते हैं तो उसे लेते रहें और डॉक्टर की बताई दवाओं का सेवन करते रहें.
5. सर्दियां आने पर हरी सब्जियां और फलों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें. इससे काफी राहत मिल सकती है.
6. पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें और शरीर को हाइड्रेट रखें. ध्यान दें पानी की कमी से समस्याएं बढ़ सकती हैं.
7. खांसी, सांस की समस्या से जुड़े किसी तरह के लक्षण दिखने पर खुद से दवाईयां न खाएं. डॉक्टर की सलाह पर ही मेडिसिन लें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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