आंध्र प्रदेश में दस्तक दे चुका बर्ड फ्लू, जानिए लक्षण, कारण और बचाव के उपाय



<p style="text-align: left;">आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में हाल ही में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं, जिससे स्थानीय निवासियों और पशुपालकों में चिंता का माहौल है. एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू एक वायरस जनित बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों में पाई जाती है, लेकिन कभी-कभार यह मनुष्यों में भी फैल सकती है. इस बीमारी के प्रसार से रोकथाम और इसके नियंत्रण के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.हम बर्ड फ्लू के लक्षणों और कारणों के बारे में विस्तार से जानेंगे, साथ ही इससे बचाव के उपायों के बारे में भी..</p>
<p style="text-align: left;">आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के दो गाँव में बर्ड फ्लू यानी पक्षी इन्फ्लुएंजा का प्रकोप सामने आया है. इस बीमारी के फैलने की आशंका को रोकने के लिए, पुलिस ने इन गाँवों के आसपास 10 किलोमीटर के क्षेत्र में, 3 किलोमीटर की परिधि में सभी चिकन की दुकानों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया है. हम इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: left;"><strong>जानें इसके लक्षण<br /></strong>यह बीमारी मुख्य रूप से पक्षियों में पाई जाती है लेकिन कुछ मामलों में यह मनुष्यों में भी फैल सकती है. बर्ड फ्लू के लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और कभी-कभी दस्त और उल्टी शामिल हैं. बर्ड फ्लू का कारण इन्फ्लूएंजा वायरस के विशेष स्ट्रेन होते हैं जो प्राकृतिक रूप से जंगली पक्षियों में पाए जाते हैं. यह वायरस संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से फैलता है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: left;"><strong>बचाव के उपाय:</strong></p>
<ul style="text-align: left;">
<li>स्वच्छता: हाथों को अच्छी तरह से और बार-बार धोएं, खासकर अगर आप पक्षियों के आसपास रहे हों.</li>
<li>पक्षियों से दूरी: संक्रमित पक्षियों से दूरी बनाए रखें और उनके मल या अन्य स्राव के संपर्क में न आएं.</li>
<li>पका हुआ खाना: पोल्ट्री और अंडे को अच्छी तरह पकाकर खाएं क्योंकि उच्च तापमान पर वायरस मर जाते हैं.</li>
<li>जागरूकता: पक्षी इन्फ्लूएंजा के प्रकोप के बारे में जानकारी रखें और स्वास्थ्य संबंधी सलाह का पालन करें.</li>
<li>पोल्ट्री फार्म्स पर जाने से बचें: अगर आपके इलाके में बर्ड फ्लू का प्रकोप हो तो पोल्ट्री फार्म्स पर जाने से बचें.</li>
</ul>
<p style="text-align: left;"><strong>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</strong></p>
<p style="text-align: left;"><strong>यह भी पढ़ें :<br /><a title="शादी के टाइम दूल्हे की नाक क्यों खिंचती हैं सास? इस मजेदार रस्म का महत्व है बहुत गहरा" href="https://www.abplive.com/photo-gallery/lifestyle/relationship-why-does-mother-in-law-pull-the-groom-nose-at-the-time-of-marriage-the-importance-of-this-fun-ritual-is-very-deep-2615414/amp/amp" target="_blank" rel="noopener">शादी के टाइम दूल्हे की नाक क्यों खिंचती हैं सास? इस मजेदार रस्म का महत्व है बहुत गहरा</a></strong></p>



Source link

  Do you also reuse used oil? know its disadvantages

Leave a Comment