फैमिली हिस्ट्री बन सकती है लंग्स कैंसर का कारण, नॉन स्मोकर्स को भी खतरा


Smoking and Lung Cancer: स्मोकिंग लंग्स कैंसर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है. नॉन-स्माल सेल लंग कैंसर (NSCLC) और स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) फेफड़ों के कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं. NSCLC कम बार होता है और आमतौर पर तेजी से विकसित होता है, जबकि SCLC ज्यादा सामान्य होने से धीरे-धीरे विकसित होते हैं. द लांसेट में पब्लिश एक अध्ययन ने फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) के फैमिली हिस्ट्री के बारें में बताया गया है. जो इस बीमारी के विशिष्ट प्रकार के विकसित होने के बढ़ने पर बताता है. सिगरेट धूम्रपान लंग्स कैंसर का प्रमुख कारण है लेकिन आनुवंशिक और फैमिली हिस्ट्री भी इसकी वजह बन सकती हैं.

 

क्या कहता है अध्ययन 

ताइवान में हुए इस अध्ययन में 12,011 पार्टिसिपेंट्स शामिल हुए. इसमें ऐसे लोगों में लंग्स कैंसर के पारिवारिक इतिहास देखने के संकेत मिले, जिन्होंने कभी धूम्रपान ही नहीं किया. विशेष तौर से ताइवान में जहां फेफड़ों का कैंसर धूम्रपान न करने वालों में ज्यादा होता है. यहां करीब 60% केस निदान चरण IV में पाया जाता है.

 

इन लोगों में आनुवांशिक कारण से लंग्स कैंसर का ज्यादा जोखिम 

1. माता-पिता या भाई-बहन में फेफड़ों का कैंसर होने पर आपमें भी इसका खतरा बढ़ सकता है.

2.  50 साल से कम उम्र के लोगों में

3. महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा रिस्क

4. धूम्रपान न करने वालों में

 

भारत में लंग्स कैंसर 

ICMR के 2022 में हुए एक अध्ययन में बताया गया कि देश में फेफड़ों के कैंसर के 70,275 मामले आए थे. फेफड़ों का कैंसर उच्च मृत्यु दर के साथ देश में सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है, जो कैंसर से जुड़े सभी मौतों का 9.3% है. वर्तमान में इसकी संख्या मेंतेजी आई है. आशंका जताई जा रही है कि अगले दो से तीन सालों में भारत में पुरुषों के लिए 81,219 मामले और लड़कियों के लिए 30,109 मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है.

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