बच्चों में दिखें ये लक्षण तो तुरंत हो जाएं सावधान, नहीं तो झेलनी पड़ सकती है भारी परेशानी…



<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong><span class="termHighlighted">Kids</span> Care Tips: </strong>कोरोना और लॉकडाउन के बाद से ही बच्चों में एक अलग तरह की बीमारी देखने को मिल रही है. बच्चों के डॉक्टर के मुताबिक, इसकी वजह से बच्चों में पढ़ने-लिखने की क्षमता कम हो गई&nbsp; है और चीजों को वे जल्दी भूल जा रहे हैं. यही वजह है कि वे जिद्दी होते जा रहे हैं. मनोरोग विशेषज्ञ (psychiatry) के अनुसार, ऑनलाइन एजुकेशन के दौरान बच्चे स्क्रीन से जुड़े और अब यही उनकी दुनिया बनती जा रही है. जिसका असर उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर साफ देखने को मिल रहा है. छुट्टी के दिनों में भी कुछ स्कूल ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं, इसके अलावा जिस तेजी से बच्चे मोबाइल में गेम्स और रील्स देखने में समय बिता रहे हैं&nbsp; उससे बच्चों में यह समस्या देखने को मिल रही है.</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>बच्चों में बढ़ रहा जिद्दीपन, चिड़चिड़ाहट</strong></div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताने की वजह से बच्चे जिद्दी होते जा रहे हैं और बात-बात पर चिड़चिड़े भी. ऑनलाइन एजुकेशन से कुछ बच्चों में पढ़ने लिखने की क्षमता भी काफी कम हुई&nbsp; है. पढ़ने में अच्छे बच्चे भी कमजोर हुए हैं, ऐसे भी मामले देखने को मिल रहे हैं.&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>बच्चों में इन संकेतों को समझें पैरेंट्स</strong></div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब-करीब हर बड़े हॉस्पिटल में आए दिन ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं. पैरेंट्स बच्चों की इस तरह की समस्याएं लेकर डॉक्टर के पास पहुचं रहे हैं. ऐसे बच्चों की उम्र 5 से 13 साल तक है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपका भी बच्चा स्क्रीन पर ज्यादा वक्त दे रहा है. गुमसुम रहता है और उसके स्वभाव में जिद्दीपन-चिड़चिड़ाहट देखने को मिल रही है तो इस लक्षण को गंभीरता से लेना चाहिए. ऐसे में बच्चे का मन पढ़ने-लिखने में भी नहीं होता है.</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;"><strong>माता-पिता को क्या करना चाहिए</strong></div>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">&nbsp;</div>
<ul>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">बच्चों को ज्यादा से ज्यादा वक्त दें और उनकी बातें सुनें.</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">उसके दोस्तों से बात कर उसकी जानकारी लें.</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">मोबाइल पर आपका बच्चा क्या देख रहा और कितनी देर तक देख रहा, इस पर भी नजर रखें.</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">बच्चे के व्यवहार का ध्यान रखें. अगर गड़बड़ी लगे तो काउंसलिंग करें.</li>
<li dir="auto" style="text-align: justify;">बच्चे की हर मांग, हर जिद पूरी न करें. डॉक्टर की सलाह लें.</li>
</ul>
<p><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
<div dir="auto" style="text-align: justify;">
<p><strong>ये भी पढ़ें:&nbsp;<a title="कहीं आप भी तो नहीं खा रहे खराब काजू-बादाम? जानें कैसे करें सही की पहचान" href="https://www.abplive.com/lifestyle/health/health-and-diet-tips-how-to-store-cashew-almonds-kaju-badam-kb-tak-khana-chahiye-2648062/amp" target="_blank" rel="noopener">कहीं आप भी तो नहीं खा रहे खराब काजू-बादाम? जानें कैसे करें सही की पहचान</a></strong></p>
</div>



Source link

  Abortion Without Doctor Can Lead To Death, Know Why You Shouldn't Take Medicine At Home

Leave a Comment