Intermittent Fasting: क्या आप जानते हैं कि भूख पर कंट्रोल पाने से वजन नियंत्रण में मदद मिल सकती है? इंटरमिटेंट फास्टिंग इसी का एक प्रभावी तरीका है. इसमें, आप कुछ घंटों तक फास्टिंग करते हैं, फिर भोजन करते हैं, यह साइकिल दोहराई जाती है. फास्टिंग से भूख हारमोन घटता है और मेटाबॉलिज़म बढ़ता है. धीरे-धीरे यह आपके वज़न पर नियंत्रण पाने में मदद करता है. यह तरीका आहार और कैलोरी इनटेक पर नियंत्रण रखकर वजन कम करने में मदद करता. जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में और कैसे यह वजन घटाने में मदद करता है..
इंटरमिटेंट फास्टिंग कई तरह से होते हैं.
16/8 प्रकार
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग बहुत ज्यादा लोकप्रिय इंटरमिटेंट फास्टिंग तरीका है . इसका मतलब यह होता है कि 16 घंटे का फास्ट और 8 घंटे आप खा सकता है.16 घंटे फास्टिंग के समय आपको ठोस आहार नहीं लेना है. सिर्फ पानी, चाय, कॉफी या नींबू पानी जैसे तरल पदार्थ ही ले सकते हैं. आप हेल्दी लिक्विड भी ले सकते हैं. यह साइकिल रोजाना दोहराई जा सकती है या फिर हफ्ते में कुछ दिनों के लिए. 16 घंटे के फास्ट से शरीर में किटोसिस बढ़ता है जिससे वजन घटता है.
5:2 प्रकार:
5:2 का मतलब है कि हफ्ते के 5 दिन तो सामान्य खाना खा सकते हैं और 2 दिन आपके फास्टिंग करना होगा. 5 दिन आप अपनी पसंद का खाना खा सकतेहैं कोई पाबंदी नहीं है. लेंकिन 2 दिन आपको सब्जियां, दूध व दलिया जैसा कम कैलोरी वाला खाना होगा. 2 दिन फास्टिंग के समय आपको 500-600 कैलोरीज तक का खाना लेना होता है. इसमें आपको अधिक से अधिक पानी का सेवन करना होगा. यह रूटीन हफ्ते में 2 दिन की जा सकती है, या एक हफ्ते में 1 दिन भी कर सकते हैं. 5:2 से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन कंट्रोल रहता है.
अल्टरनेट डे फास्टिंग
इसमें एक दिन भोजन किया जाता है और अगले दिन फास्टिंग की जाती है. फास्टिंग और नॉन-फास्टिंग दिनों का अलग-अलग पैटर्न होता है. इसमें एक दिन फास्टिंग होती है और अगले दिन सामान्य आहार लिया जाता है. फास्टिंग वाले दिन 500-600 कैलोरीज तक का खाना लिया जाता है. नॉन-फास्टिंग वाले दिन सामान्य खान-पान खाया जा सकता है. इस रूटीन को एक सप्ताह या महीने भर जारी रखा जा सकता है. यह भूख हार्मोन को कंट्रोल करता है और वजन घटाने में मदद करता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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