<p>किडनी के मरीज को अक्सर डायलिसिस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. आम बोलचाल की भाषा में अक्सर आपने अपने आसपास यह कहते सुना होगा कि फलां व्यक्ति का किडनी खराब है जिसकी वजह से हॉस्पिटल में उसका डायलिसिस किया जा रहा है. यह भी कहा जाता है कि अगर किडनी का मरीज है उसका एक परफेक्ट टाइम होता है डायलिसिस को लेकर अगर उसमें किसी भी तरह की देरी कि गई तो उसकी परेशानी बढ़ सकती है. सवाल यह उठता है कि क्या डायलिसिस के बाद किडनी ठीक हो जाती है? अगर डॉक्टर ने किसी मरीज को डायलिसिस के लिए बोल दिया है तो वह कितने दिनों तक जिंदा रह सकता है?</p>
<p>इस आर्टिकल के जरिए जानेंगे क्या डायलिसिस के जरिए ठीक हो जाती है? हां चांसेस है इलाज से किडनी ठीक हो जाए. हालांकि एक्यूट किडनी फेल्योर है यानि किसी वजह से किडनी ने काम करना बंद कर दिया है तो डायलिसिस के जरिए किडनी ठीक हो सकती है. लेकिन अगर वह क्रॉनिक किडनी फेल्योर है तब लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट करवाना ही पड़ता है. ऐसे कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है. </p>
<p><strong>डायलिसिस के जरिए मरीज कितने दिन जिंदा रह सकता है?</strong></p>
<p>डायलिसिस के जरिए एक मरीज कितने दिनों तक जिंदा रह सकता है. यह पूरी तरह मरीज पर निर्भर करता है. दिल्ली एम्स में ऐसे कई मरीज हैं जो 15-15 साल से जिंदा हैं और उनकी किडनी डायलिसिस हो रही है. वहीं विदेशों में ऐसे मरीजों के जिंदा रहने की अवधि 20-25 साल है. </p>
<p><strong>डायलिसिस क्या है?</strong></p>
<p>डायलिसिस के दौरान मरीज के ब्लड को साफ करने की कोशिश की जाती है. क्योंकि किडनी खराब होने के बाद इंसान का ब्लड साफ नहीं हो पाता तो ऐसे में डायलिसिस के जरिए उसे साफ करने की कोशिश की जाती है. इस पूरे प्रोसेस के दौरान खून में जमा गंदगी, और टॉक्सिक पदार्थ को बाहर निकाला जाता है. डायलिसिस के दौरान एक बात का खास ख्याल रखना है मरीज के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का लेवल मेंटेन रहे. </p>
<p><strong>कब पड़ती है डायलिसिस प्रोसेस की जरूरत</strong></p>
<p>किसी व्यक्ति को डायलिसिस की जरूरत तब पड़ती है जब उसकी दोनों किडनी सही से काम नहीं करता है. या यूं कहें कि दोनों किडनी पूरी तरह से फेल है. किडनी फेल होने का जोखिम खासकर उन लोगों को ज्यादा बढ़ जाती है जो डायबिटीज के मरीज या बीपी के मरीज है. उन्हें किडनी फेल होने की समस्या हो सकतीहै.</p>
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