रक्तसंबंधित रोग सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया में अंतर


रक्तसंबंधित रोग हैं जिन्हें सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया के नाम से जाना जाता है। ये दोनों ही गंभीर रक्तसंबंधित रोग हैं, लेकिन इनमें अंतर होता है।

 

 

 

 

 

सिकल सेल रोग: सिकल सेल रोग एक जेनेटिक बीमारी है जिसमें हमारे शरीर के रक्त कोशिकाएँ विशेष रूप से मुश्किली से बनती हैं। इस रोग के कारण हमारे शरीर की रक्तसंचरण में कई समस्याएँ होती हैं, जैसे कि असामान्य थकान, पेट में दर्द, और अनियमित दिल की धड़कन।

 

थैलेसीमिया: थैलेसीमिया एक अन्य जेनेटिक रोग है जिसमें हमारे रक्त के हानिकारक हिमोग्लोबिन के लिए निर्मित करने वाले रक्त कोशिकाएँ कम बनती हैं। इसके परिणामस्वरूप, लोगों की रक्तसंचरण में कमी होती है, जिससे वे अत्यधिक थक जाते हैं, पीलिया की समस्या होती है, और उन्हें अत्यधिक लाल रक्त की आवश्यकता होती है।

 

 

 

सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया में क्या अंतर होता हैं ?

 

 

सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया में मुख्य अंतर यह है कि सिकल सेल रोग में शरीर की रक्त कोशिकाएँ मुश्किली से बनती हैं, जबकि थैलेसीमिया में ये कोशिकाएँ कम बनती हैं। इसके अलावा, थैलेसीमिया जन्म से होता है, जबकि सिकल सेल रोग जीवन के किसी भी समय विकसित हो सकता है।

 

सिकल सेल रोग:

 

  • यह एक आनुवंशिक बीमारी है जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) को असामान्य आकार (अर्धचंद्राकार) देती है।

 

  • ये विकृति RBCs को रक्त वाहिकाओं में अटकने का कारण बन सकती हैं, जिससे दर्द, थकान, संक्रमण और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

 

  • सिकल सेल रोग अफ्रीकी मूल के लोगों में अधिक आम है।
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2. थैलेसीमिया:

 

 

  • यह एक और आनुवंशिक बीमारी है जो हीमोग्लोबिन (रक्त में ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन) के उत्पादन को प्रभावित करती है।

 

  • थैलेसीमिया के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ हल्के होते हैं और कुछ गंभीर होते हैं।

 

  • गंभीर थैलेसीमिया वाले लोगों को थकान, पीलापन, कम विकास और अंगों को नुकसान का अनुभव हो सकता है।

 

  • थैलेसीमिया भूमध्यसागरीय क्षेत्र, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में अधिक आम है।

 

 

 

सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया के लक्षण क्या होते हैं ?

 

 

यह लक्षण सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया के रोगियों में हो सकते हैं, लेकिन यह व्यक्ति के स्थिति और रोग के प्रकार पर निर्भर करते हैं। यदि किसी को ऐसे लक्षण महसूस होते हैं, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक सलाह लेनी चाहिए-

 

 

सिकल सेल रोग (Sickle Cell Disease) के लक्षण: (sickle cell rog Ke Lakshan in Hindi)

 

दर्द: सिकल सेल रोग के मरीजों को अक्सर दर्द की समस्या होती है, जिसे वास्तविकता में “सिकल सेल क्राइसिस” कहा जाता है। यह दर्द आमतौर पर हड्डियों, जोड़ों, छाती, पेट और पीठ में होता है।

 

सूजन: अक्सर सिकल सेल रोग के मरीजों के हाथ, पैर और जोड़ों में सूजन होती है।

 

लाल रक्तचालिका (अनैतिक): रक्तचालिका में लाल रक्त की उत्तेजना हो सकती है, जिससे त्वचा और आँखों का सफेद भाग पीला हो सकता है।

 

थकान: अनियमित रक्त की सप्लाई के कारण, मरीजों को अक्सर थकान महसूस होती है।

 

गांठें: सिकल सेल रोग के मरीजों के शरीर में छोटी गांठें हो सकती हैं, जिन्हें हड़्डियों में स्थानांतरित रक्त की गतिविधि के कारण बनता है।

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थैलेसीमिया (Thalassemia) के लक्षण:

 

 

थकान: थलेसीमिया के मरीज अक्सर अत्यधिक थकान महसूस करते हैं, जिसे आमतौर पर अनीतिक थकान कहा जाता है।

 

पीलिया (Jaundice): थलेसीमिया के मरीजों में अक्सर पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना) होता है।

 

शारीरिक स्थूलता: कुछ मामूली और मध्यम रूप की थलेसीमिया के मरीजों में शारीरिक स्थूलता की समस्या हो सकती है।

 

अत्यधिक पानी की प्राप्ति: थलेसीमिया के मरीजों को अक्सर बार-बार उरिनेशन (पेशाब) की इच्छा होती है और वे अत्यधिक पानी पीते हैं।

 

हृदय की समस्याएँ: कुछ गंभीर मामूली और मध्यम रूप की थलेसीमिया के मरीजों में हृदय की समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी और दिल की सांघगता।

 

 

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