PCOS Naturally Treatment: PCOS आज महिलाओं के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है. आज दुनिया में करीब 10 प्रतिशत महिलाएं पीसीओएस से जूझ रही हैं. इसकी वजह से पीरियड साइकिल में गड़बड़ी, सही तरह ओव्यूलेट न होने से कंसीव न कर पाना, चेहरे पर एक्ने या बाल की शिकायत, वजन बढ़ना जैसी समस्या हो सकती है. पीसीओएस की शिकार महिलाओं को डायबिटीज का खतरा भी ज्यादा रहता है. पीसीओएस का सबसे मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल माना जाता है. ऐसे में लाइफस्टाइल में 5 छोटे-छोटे बदलाव कर PCOS से बच सकती हैं. आइए जानते हैं…
1. स्ट्रेस लेने से बचें
तनाव अनियमित पीरियड्स की सबसे बड़ी वजह मानी जाती है. काम के दबाव और पर्सनल लाइफ में कई समस्याओं की वजह से मानसिक तौर पर चुनौती मिलती रहती है. ऐसे में मानसिक सेहत पर दबाव पड़ता है, जो पीरियड्स को अनियंत्रित कर सकता है.
2. आहार को सही रखें
पीसीओएस की शिकार महिलाएं अपने खानपान से इस बीमारी को कंट्रोल कर सकती हैं. डॉक्टर के मुताबिक, संपूर्ण खाद्य पदार्थ आर्टिफिशियल शुगर से सुरक्षित होता है और इसमें प्रिजर्वेटिव भी नहीं होता है. ऐसे में खाने में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, दालें, मेवा और बीज जैसी चीजें अपने खानपान में शामिल कर सकती हैं. इससे इंसुलिन लेबल बना रहता है और पीसीओएस मैनेज रहता है. इसके साथ ही खाने में कार्बोहाइड्रेट कम करें. रिफाइंड कार्ब्स जैसे शुगर, व्हाइट ब्रेड, व्हाइट राइस जैसी चीजों से दूरी बनाएं, क्योंकि इसकी वजह से कई समस्याएं बनती हैं.
3. एंटी-इन्फ्लेमेटरी फूड्स का सेवन
पीसीओएस एक इन्फ्लेमेटरी कंडीशन मानी जाती है, जिसे आहार से नियंत्रित रखा जा सकता है. जैसे- एक्ने और वेट बढ़ने की समस्या. ऐसे में खाने में टमाटर, पत्तेदार सब्जियां, मैकेरल और टूना जैसी वसायुक्त मछली, ट्री नट्स, जैतून के तेल जैसी चीजों को शामिल करें. वहीं, प्रोसेस्ड फूड्स और शुगरी ड्रिंक्स से भी दूरी बनानी चाहिए.
4. शारीरिक गतिविधियां करें
पीसीओएस मैनेज करने के लिए हेल्दी खानपान के साथ ही फिजिकली फिट रहना भी बेहद जरूरी है. डॉक्टर का कहना है कि हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की एक्सरसाइज तनाव को कंट्रोल करने का काम करता है. इससे वजन भी संतुलित बना रहता है. एक्सरसाइज कैलोरी बर्न करने और इंसुलिन नियंत्रित रखता है.
5. विटामिन D
पीसीओएस से शिकार महिलाएं आमतौर पर विटामिन डी की कमी से जूझती हैं, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस और वजन बढ़ने की वजह बन सकती है. पर्याप्त धूप लेने और विटामिन डी से भरपूर चीजों के सेवन से विटामिन डी की कमी दूर होती है औऱ फर्टिलिटी इंप्रूव होती है. इसके साथ ही यह टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट बीमारी और स्ट्रोक की समस्या कम हो सकती है.
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