केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने फरवरी महीने में 1,167 दवाइयों की क्वालिटी जांच के लिए भेजा था. जिसमें से पता चला है कि 58 दवाओं में मानक गुणवत्ता कमी है. साथ ही साथ दो दवाओं को नकली दवा बताया गया है. जिन पर अभी आगे की जांच जारी है.
रिपोर्ट के मुताबिक 1,167 दवा के नमूनों की लैब में खास जांच की गई है, जिनमें से 1,018 नमूनों को मानक गुणवत्ता वाला घोषित किया गया. परीक्षण किए गए कुल नमूनों में से लगभग पांच प्रतिशत को एनएसक्यू घोषित किया गया है, जो सीडीएससीओ के आंकड़ों के अनुसार जनवरी, 2024 के पिछले महीने में लगभग समान स्तर था.
CDSCO ने इन दवाइयों को लेकर जारी किए रेड अलर्ट
इसी साल जनवरी में हिमाचल के 25 दवा फ्रैक्ट्री में बनने वाली 40 दवाएं और इंजेक्शन को सब-स्टैंडर्ड घोषित किया गया. उनमें अस्थमा, बुखार, डायबिटीज, हाई बीपी, एलर्जी, मिर्गी, खांसी, एंटीबायोटिक, ब्रोंकाइटिल और गैस्टिक में इस्तेमाल कि जाने वाली दवाएं और इंजेक्शन शामिल हैं.
हाई बीपी की यह दवा है नकली
सीडीएससीओ ने कहा है कि हाई बीपी को कंट्रोल में करने वाली दवाएं टेल्मा एएम (टेल्मिसर्टन 40 मिलीग्राम और एम्लोडिपाइन 5 मिलीग्राम टैबलेट) और टेल्मा 40 (टेल्मिसर्टन 40 मिलीग्राम) का एक बैच, जिसे ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित बताया गया था, गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहा और कंपनी ने बताया कि उत्पादों का बैच उनके द्वारा निर्मित नहीं किया गया था और यह एक नकली दवा है.
इन दवा के नमूने क्वालिटी चेक में हुए फेल
यह दवा के नमूने जिन्हें एनएसक्यू के रूप में घोषित किया गया था, उनमें हिमाचल प्रदेश में नेक्सकेम बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित एसेपिक-पी (एसिक्लोफेनाक और पेरासिटामोल टैबलेट), उत्तराखंड में न्यूट्रा लाइफ हेल्थकेयर द्वारा निर्मित कैल्सिगिएंट 500 टैबलेट (कैल्शियम कार्बोनेट और विटामिन डी 3), ओफ्लैब शामिल हैं.
100 डीटी (ओफ़्लॉक्सासिन फैलाने योग्य गोलियाँ 100 मिलीग्राम) कॉन्सेप्ट फार्मास्यूटिकल्स, औरंगाबाद द्वारा निर्मित, महाकाली 500 (कैल्शियम और विटामिन डी3 गोलियां) हनुचेम लेबोरेटरीज, हिमाचल प्रदेश द्वारा निर्मित, सेरिज़िम टैबलेट (सेराटियोपेप्टिडेज़) अर्नव रिसर्च लेबोरेटरीज, गुजरात द्वारा, एक्सएल-मोंट (मोंटेलुकास्ट) डीडब्ल्यूडी फार्मास्यूटिकल्स, गुजरात द्वारा सोडियम और लेवोसेटिरिज़िन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट), प्रोटेक टेलीलिंक्स, हिमाचल प्रदेश द्वारा हाइप्रोवन 500 इंजेक्शन (प्रोपोफोल इंजेक्शन आईपी 500 मिलीग्राम/50 मिली), साई पैरेंट्रल्स लिमिटेड, तेलंगाना द्वारा हेपरिन सोडियम इंजेक्शन 25,000 आईयू/5 मिली.
CDSCO ने यह भी कहा कि ‘सन फार्मा लेबोरेटरीज’ ने सूचित किया है कि एंटीकॉन्वल्सेंट दवा लेविपिल 500 (लेवेतिरासेटम टैबलेट) के नमूने कंपनी द्वारा निर्मित बताए गए हैं, और जनवरी के महीने में गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे, कंपनी द्वारा निर्मित नहीं किया गया है और कि यह नकली दवा है. सीडीएससीओ ने कहा कि उत्पाद नकली बताया जा रहा है, हालांकि, यह आगे की जांच के नतीजे पर निर्भर है.
संगठन ने जनवरी में 932 नमूनों का परीक्षण किया है, जिनमें से लगभग पांच प्रतिशत या 46 नमूनों को एनएसक्यू घोषित किया गया था. माह के दौरान किसी भी नमूने को नकली या गलत ब्रांड वाला घोषित नहीं किया गया
फरवरी माह के दौरान ऑर्किड बायो-टेक, उत्तराखंड, एम सी फार्मास्यूटिकल्स, हिमाचल प्रदेश और रिडले लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली जैसी कुछ कंपनियों के एक से अधिक नमूनों को एनएसक्यू घोषित किया गया था.
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