सर्दियों में अस्थमा के मरीज इन बातों का रखें खास ख्याल, नहीं तो रात के वक्त पड़ सकता है अटैक!


सर्दी के मौसम में अस्थमा की बीमारी बढ़ जाती है. जिसकी वजह से कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार ऐसा होता है कि अधिक ठंड और सर्द हवाओं के कारण सांस फूलने की समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है. अगर आप भी अस्थमा के मरीज है और इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको कुछ खास टिप्स को ध्यान में रखना होगा.  सर्दियों के समय अधिक भीड़भाड़ वाले और प्रदूषण वाले स्थानों पर न जाएं. घर से निकलते समय मास्क लगाकर ही चलें. समय पर खाना खाएं. धूम्रपान वाली जगह पर बिल्कुल खड़े न हो. ताजा खाना खाएं. बाहर के खान से परहेज करें. सर्दियों के समय बाहर जाते समय गर्म कपड़े पहनें. स्वच्छ पानी पिएं. पालक, चुकंदर, मसूर की दाल का सेवन करें.

सर्दियों में अस्थमा के मरीज करें ये काम

रात में अस्थमा के रोगियों को दूध नहीं पीना चाहिए. अगर वे शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए दूध पीना चाहते हैं, तो दूध में काली मिर्च और हल्दी डालकर पिएं. इसके अलावा दूध में जायफल डालकर पीना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
सुबह खाली पेट लहसुन खाना अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि लहसुन की कलियों को छिलकर 30 सेकंड तक धूप में रखें. ताकि लहसुन ऑक्सीडाइट हो जाए. इस लहसुन को 1 चम्मच शहद के साथ खाएं. ऐसा करने से आपके फेफड़े का वायुमार्ग साफ होगा. बदलते मौसम के साथ भी कुछ लोगों की तकलीफ ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे लोगों को मौसम बदलते में (जैसे- सितंबर-अक्टूबर, फरवरी मार्च, जुलाई) अपना खास ख्याल रखना चाहिए. अगर ज्यादा सर्दी बढ़ रही है, तो घर में रहने की कोशिश करें. घर के अंदर ही एक्सरसाइज करें.

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अस्थमा से दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हैं. कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें आधी रात को अस्थमा का अटैक पड़ता है. रात में अस्थमा अटैक आने के प्रमुख कारकों में सर्कडियन रिदम शामिल है, जो रात में हार्मोन के लेवल को गिराने की वजह बनती है. 

रात में अस्थमा अटैक के खतरे से कैसे बचें?

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, रेगुलरली अपनी दवा लेने के साथ-साथ आप कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं, जिनकी मदद से रात के वक्त अस्थमा अटैक की संभावना को कम किया जा सके. आइए जानते हैं आप इस खतरनाक स्थिति से बचने के लिए कौन-कौन से कदम उठा सकते हैं.

रात में अस्थमा अटैक से ऐसे बचें

1. अपने रूम को साफ रखें: रात में अस्थमा अटैक से बचने के लिए आपको सबसे पहला काम अपने रूम को साफ रखने का करना है. रोजाना झाडू और पोछा लगाएं. उन जगहों को भी साफ करें, जिनपर अक्सर ध्यान नहीं जाता, जैसे पंखे के ब्लेड, अलमारी के ऊपर आदि. 

2. गद्दे पर कवर लगाएं: डस्ट-प्रूफ गद्दे और तकिए के कवर धूल, मिट्टी और गंदगी को बिस्तर के अंदर जाने से रोकते हैं. जर्नल साइंस डेली में पब्लिश नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ साइंसेज की एक स्टडी के मुताबिक, गद्दे और तकिए पर कवर को लगाना बेडरूम में धूल के कण को कम करने का सबसे अच्छा और प्रभावी तरीका है.

3. हफ्ते में एक बार चादर धोएं: घर की सफाई के साथ-साथ चादर की सफाई भी जरूरी है. अस्थमा अटैक से बचने के लिए चादर को हर हफ्ते धोने की आदत डालें. अगर आपको अस्थमा नहीं है तो भी चादर और तकिए के कवर को हर हफ्ते धोएं. इन्हें धोने के लिए ठंडे पानी के बजाय गर्म पानी का इस्तेमाल करें.

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4. पालतू जानवरों के साथ एक ही रूम में सोने से बचें: डॉक्टरों का कहना है कि अगर आपके पास कोई पालतू जानवर हैं तो उन्हें अपने बेडरूम से दूर ही रखें, फिर भले ही आप उन्हें नहलाते-धुलाते ही क्यों न हों. क्योंकि वे पूरे घर में या बाहर घूमते हैं और अपने शरीर और पैरों में तरह-तरह की गंदगी चिपका लाते हैं.  

5. सोते वक्त ऊंचा रखें सिर: एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आप साइनस के इन्फेक्शन से पीड़ित हैं तो कभी भी एक सीध में न लेटें, क्योंकि इससे पोस्टनेसल ड्रिप बढ़ सकता है, जो अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है. सोते वक्त अपने सिर को मुलायम तकिए से थोड़ा सा ऊंचा रखें.

6. सोते वक्त एयर फ्रेशनर या स्ट्रॉन्ग परफ्यूम के इस्तेमाल से बचें: जिन लोगों को अस्थमा होता है, उनके लिए परफ्यूम या फिर कोई एयर फ्रेशनर जैसी स्ट्रॉन्ग फ्रेगरेंस वाली चीजें अस्थमा अटैक का खतरा पैदा कर सकती हैं. एयरोसोल स्प्रे, वॉल प्लग-इन और सेंटेड मोमबत्तियां भी अस्थमा को भड़का सकती हैं. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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