खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से डायबिटीज की समस्या आम हो चुकी है. दुनियाभर में डायबिटीज के कुल मामलों में से 90% मामले टाइप टू डायबिटीज के हैं. डायबिटीज दो प्रकार का होता है. टाइप वन डायबिटीज और टाइप टू डायबिटीज. डायबिटीज के मरीजों को हमेशा दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है. हार्ट से संबंधित डिसऑर्डर और डायबिटीज की बीमारियों की शुरुआत हमेशा खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से होती है.
डायबिटीज से ग्रसित मरीजों में ब्लड शुगर लेवल असंतुलित होने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और इससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या हो सकती है. डायबिटीज के मरीजों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे वह ब्लड शुगर को कंट्रोल में रख सकते हैं. यदि ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा तो दिल का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा. आइए जानते हैं डायबिटीज के मरीज कैसे अपने दिल का स्वास्थ्य अच्छा रख सकते हैं.
ब्लड शुगर लेवल को करें मेंटेन
डायबिटीज के मरीज अपने ब्लड शुगर को मेंटेन रखने के लिए खानपान में पोषक तत्व को शामिल करें. खाने में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि का सेवन जरुर करें
कोलेस्ट्रॉल को रखें नियंत्रित
डायबिटीज के मरीजों को कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखना जरूरी है. यदि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है तो दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. कोलेस्ट्रॉल ने बड़े इसके लिए खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
रोजाना करें एक्सरसाइज
डायबिटीज के मरीज यदि रोजाना व्यायाम करेंगे तो इससे ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहेगा. यदि ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहेगा तो आपका दिल का स्वास्थ अपने आप अच्छा हो जाएगा.
फाइबर से भरपूर खाना
दिल का स्वास्थ्य अच्छा रहे इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को खाने में फाइबर का सेवन करना चाहिए. हाई फाइबर फूड का सेवन करने से न सिर्फ दिल की बीमारियों से आप दूर रहेंगे बल्कि, डायबिटीज की समस्या भी कम हो जाएगी. फाइबर की पर्याप्त मात्रा के लिए आप साबुत अनाज और रेशे वाले फल का सेवन कर सकते हैं.
मधुमेह से ग्रसित लोगों को ओमेगा 3 फैटी एसिड का पर्याप्त मात्रा में सेवन करना चाहिए. ओमेगा 3 फैटी एसिड न केवल दिल के स्वास्थ्य को अच्छा रखता है बल्कि डायबिटीज के खतरे को भी कम कर देता है.
डायबिटीज के मरीजों को दिल का जोखिम कम करने के लिए अनहेल्दी फूड से दूरी बनाए रखनी चाहिए. वही, मधुमेह से ग्रसित लोगों को अधिक मात्रा में नमक, शक्कर, सैचुरेटेड फैट, ट्रांसफैट और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से भी बचना चाहिए.
डायबिटीज कैसे दिल को प्रभावित करता है
डायबिटीज से ग्रसित लोगों के ब्लड में हाई शुगर लेवल समय के साथ ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है. रिपोर्ट बताती है कि हाई ब्लड शुगर ब्लड वेसल्स में सूजन बढ़ाने और ह्रदय में ब्लड फ्लो को रोकने के लिए जिम्मेदार है. ब्लड वेसल्स में लंबे समय तक सूजन के चलते कोलेस्ट्रॉल और प्लेग का निर्माण होने लगता है जिसके चलते हार्ट को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इसी की वजह से डायबिटीज से ग्रसित लोगों में हर्ट रोग का खतरा बढ़ जाता है.
हार्ट अटैक से पहले बीपी कितना होता है
हेल्थ एक्सपर्ट से लेकर डॉक्टर्स का मानना है कि बीपी को कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है नहीं तो इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है. एक नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 के बीच होनी चाहिए. अगर बीपी इससे ऊपर जाता है तो 140 mmHg और 90 mmHg तो हाई बीपी माना जाता है. जब ऐसी स्थिति बनती है तो हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है.
हाई बीपी और दिल की बीमारी में क्या संबंध है
दिल ब्लड को पंप करने का काम करता है. ऐसी स्थिति में बीपी होता है. जब बीपी बढ़ता है तो हार्ट अटैक का डर बढ़ जाता है. क्योंकि इस दौरान दिल का काम बढ़ जाता है. सीने में दर्द, सांस लेने में जोखिम बढ़ने लगता है. यहां तक कि कभी-कभी धमनी भी फट जाती है. बीपी दिल की बीमारी के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक है. इसलिए हमेशा अपने बीपी को कंट्रोल में रखें नहीं तो आप गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं.
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